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बिहार की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आया है जहां विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आगामी 2025 विधानसभा चुनावों के बहिष्कार की संभावना स्पष्ट कर दी है। गुरुवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए राजद नेता ने कहा कि वे गंभीरता से चुनाव बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गहरा मतभेद चल रहा है।
"वोटर लिस्ट से नाम काटने की साजिश"
तेजस्वी यादव ने सीधे शब्दों में कहा, "जब चुनाव में बेईमानी ही करनी है तो वोट क्यों लोग देंगे? ऐसे ही सरकार को एक्सटेंशन दे दिया जाए।" उन्होंने आरोप लगाया कि SIR के नाम पर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश चल रही है। उनका कहना था, "चुनाव का क्या मतलब रह जाएगा जब लोकतंत्र में जनता ही वोट नहीं देगी। ये लोग चंडीगढ़ जैसा काम करना चाहते हैं।"
कांग्रेस नेता ने किया विरोध
हालांकि इस बयान पर कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने असहमति जताई है। पूर्णिया सांसद ने कहा, "वोट बहिष्कार समाधान नहीं है। चुनाव बहिष्कार से बेहतर है कि विधानसभा और लोकसभा से इस्तीफा देकर कहें कि आप अकेले सरकार चलाइए।" यह बयान विपक्षी एकजुटता में दरार का संकेत देता है।
चुनाव आयोग पर सीधा हमला
इससे पहले विधानसभा में भी तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग लोगों की नागरिकता तय करने का काम कर रहा है जो सही नहीं है। यह काम भारत सरकार का है।" उन्होंने आधार कार्ड को वोटर सत्यापन के आधार के रूप में इस्तेमाल करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए।