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Delhi Blast के बाद बिहार हाई अलर्ट पर: मतदान से पहले बॉर्डर सील, धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में कड़ी चेकिंग

दिल्ली में हुए धमाके के बाद बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले हाई अलर्ट घोषित किया गया है।

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YBN Bihar Desk
Car Explodes Near Red Fort

दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के बाद बिहार पूरी तरह हाई अलर्ट पर है। धमाके में आठ से ज्यादा लोगों की मौत के बाद बिहार पुलिस ने चुनावी सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी जिलों में चौकसी बढ़ा दी है। राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि धार्मिक स्थलों, भीड़भाड़ वाले बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर सख्त चेकिंग अभियान चलाया जाए। बिहार के ADG (लॉ एंड ऑर्डर) पंकज दराद ने कहा कि चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों को पहले ही सतर्क कर दिया गया था, अब दिल्ली की घटना के बाद सतर्कता और बढ़ा दी गई है।

DGP विनय कुमार ने भी सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य पहले से ही हाई अलर्ट पर था, क्योंकि लगातार VVIP आवाजाही बढ़ गई है। अब दिल्ली धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों को हर जिले में गहन जांच और सख्त निगरानी का निर्देश दिया गया है। बिहार में कल यानी 11 नवंबर को 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होना है, ऐसे में राज्य प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

भारत-नेपाल सीमा को 11 नवंबर की रात तक के लिए सील कर दिया गया है ताकि किसी बाहरी गतिविधि या असामाजिक तत्व की घुसपैठ को रोका जा सके। सीमावर्ती जिलों पश्चिम और पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज और पूर्णिया में बीएसएफ और एसएसबी को भी अतिरिक्त बल के साथ तैनात किया गया है। सीमाई इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है और सभी वाहनों की सघन जांच की जा रही है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार, राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर सशस्त्र बलों की तैनाती की जा चुकी है। संवेदनशील बूथों पर मतदान शाम 5 बजे तक जबकि सामान्य बूथों पर 6 बजे तक होगा। कुल 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 1165 पुरुष, 136 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी शामिल हैं। इस चरण में 3.70 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।

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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस हाई अलर्ट का असर न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर बल्कि मतदाताओं की मनोस्थिति पर भी पड़ेगा। आम तौर पर बिहार जैसे राज्यों में बाहरी घटनाओं का सीधा असर मतदान व्यवहार पर नहीं पड़ता, लेकिन इस बार मतदान की संवेदनशीलता और सुरक्षा का माहौल मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित कर सकता है।

राज्य प्रशासन का दावा है कि हर संभावित खतरे पर कड़ी नजर रखी जा रही है। विशेष रूप से धार्मिक स्थलों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशन और बाजारों में गश्त बढ़ा दी गई है। चुनावी माहौल के बीच प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बिहार में मतदान शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो।

कल सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होगा और राज्य का राजनीतिक तापमान अपने शिखर पर होगा। लेकिन उससे पहले बिहार की सुरक्षा-तैयारियां यह दर्शाती हैं कि प्रशासन किसी भी स्थिति में कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहता।

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