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बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ दिल्ली में आज बिहार बीजेपी की बड़ी बैठक होने जा रही है, तो दूसरी ओर पटना में राजद ने भी अपने विधायक दल की अहम बैठक बुलाई है। इस दोहरी हलचल से साफ है कि एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ गए हैं।
सभी विधायकों को तेजस्वी यादव ने बुलाया
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अचानक दोपहर में विधायक दल की बैठक बुलाकर सभी विधायकों को तेज संदेश देने की कोशिश की है। बैठक उनके आवास एक पोलो रोड पर होगी। यह बैठक सिर्फ औपचारिक नहीं बल्कि बेहद रणनीतिक है, क्योंकि इसमें सीट बंटवारे और गठबंधन के भीतर तालमेल जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
1 सितंबर को वोटर अधिकार यात्रा का पटना में समापन होने के बाद से ही राजद लगातार एक्शन मोड में दिख रहा है। इस यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने कई बार खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व और राहुल गांधी की ओर से इस पर कोई स्पष्ट सहमति नहीं दिखाई गई। इसे लेकर गठबंधन के भीतर खटपट के संकेत भी मिले हैं।
इसी पृष्ठभूमि में आज तेजस्वी यादव की बैठक बेहद अहम हो जाती है। राजद के भीतर यह संदेश भी जाना जरूरी है कि पार्टी चुनाव में किस रुख के साथ उतरेगी और महागठबंधन में उसकी स्थिति कितनी मजबूत है।
दूसरी ओर बीजेपी भी दिल्ली में अपनी बैठक के जरिए बिहार चुनाव के लिए कमर कस रही है। अमित शाह और केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में संगठन की मजबूती, गठबंधन के सहयोगियों से तालमेल और चुनावी एजेंडे पर चर्चा होगी। एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि सितंबर के अंत तक चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है।
बिहार की राजनीति में आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एक ही दिन में दोनों बड़े खेमों की बैठकों ने राज्य की चुनावी हवा को और तेज कर दिया है। आने वाले दिनों में इन बैठकों के फैसले चुनावी समीकरण और उम्मीदवार चयन पर गहरा असर डाल सकते हैं।
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