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बिहार की सियासत इन दिनों दो स्तरों पर चर्चा में है। एक तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लगातार राहुल गांधी को देश का अगला प्रधानमंत्री घोषित करने का ऐलान कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अब तक राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर खुलकर कुछ नहीं कह रही है। यही वजह है कि बिहार की गलियों से लेकर राजनीतिक हलकों तक यह सवाल गूंज रहा है कि आखिर कांग्रेस राहुल के नाम पर तो हामी भर रही है, लेकिन तेजस्वी के मुख्यमंत्री चेहरे पर चुप क्यों है।
नवादा में तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का संकल्प दुहराया
नवादा में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में हमें राजग की 20 साल की खटारा सरकार को उखाड़ फेंकना है और आगे जब भी लोकसभा चुनाव होगा, राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाएंगे। तेजस्वी ने राहुल गांधी को ऐसा नेता बताया जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नींद हराम कर दी है।
बिहार में महागठबंधन के सीएम फेस को लेकर कांग्रेस अब तक है चुप
दिलचस्प यह है कि तेजस्वी जहां राहुल गांधी के नाम को आगे बढ़ा रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने अब तक बिहार में सीएम चेहरे पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की। माना यह जा रहा है कि कांग्रेस की यह हिचकिचाहट महागठबंधन की आंतरिक राजनीति से जुड़ी है। दरअसल, सीट शेयरिंग और चुनावी रणनीति को लेकर महागठबंधन में पांच दौर की बैठकों के बावजूद अभी कोई ठोस ऐलान नहीं हुआ है। चर्चा यह है कि कांग्रेस सीट बंटवारे में बड़ी हिस्सेदारी चाहती है, लेकिन राजद खुद को गठबंधन का निर्विवाद कप्तान मानकर चल रही है।
2020 विधानसभा चुनाव के आंकड़े भी इस पृष्ठभूमि को और स्पष्ट करते हैं। तब कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और महज 19 पर जीत हासिल की थी। वहीं, आरजेडी को 75 सीटें मिलीं और वह सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी। यही कारण है कि तेजस्वी खुद को गठबंधन का चेहरा मानकर आगे बढ़ रहे हैं और राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताकर महागठबंधन को धार देने की कोशिश कर रहे हैं।