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बिहार की राजनीति में इन दिनों ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़े करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार कांड ने भूचाल मचा दिया है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की छापेमारी में सामने आए जले हुए नोटों ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। बताया जाता है कि ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय ने ईओयू की कार्रवाई से पहले ही 10 करोड़ रुपये नकद जला दिए। इस घटना ने न सिर्फ बिहार की नौकरशाही बल्कि सत्ता पक्ष की साख पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इस पूरे मामले पर नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि अरबों रुपये की बंदरबांट में दो मंत्रियों के आपसी मतभेद के चलते यह मामला सामने आया। तेजस्वी ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि जब ईओयू की टीम गेट पर पहुंची तो दरवाजा खोलने में घंटों लगा दिए गए। इस बीच अंदर रखे 10 करोड़ रुपये जला दिए गए, जिसकी राख से पाइप तक बंद हो गए। तेजस्वी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पूरा बिहार जानता है कि ग्रामीण कार्य विभाग का कौन मंत्री इस काली कमाई से हेलिकॉप्टर में उड़ रहा है।
ईओयू की जांच अब समस्तीपुर और सीतामढ़ी जिलों पर केंद्रित हो गई है। विनोद कुमार राय से पूछताछ में ठेकेदारों और अभियंताओं के गठजोड़ की जानकारी मिली है। जांच एजेंसी ने दो अलग-अलग टीम बनाकर संबंधित लोगों से पूछताछ और दस्तावेजों का सत्यापन शुरू कर दिया है। हालांकि इंजीनियर बीमारी का बहाना बनाकर पूछताछ से बचने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ईओयू उसे रिमांड पर लेकर कड़ी पूछताछ की तैयारी में है। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है।
इस मामले में आयकर विभाग भी सक्रिय हो गया है। ईओयू ने छापेमारी के दौरान बरामद पैन कार्ड, बैंकिंग दस्तावेज, जमीन के कागजात और जेवरात की जानकारी आयकर अधिकारियों को साझा की है। आयकर विभाग अब इंजीनियर की बेहिसाब संपत्तियों और टैक्स चोरी की जांच करेगा।