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बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में जबरदस्त कार्रवाई दर्ज कराते हुए सीवान नगर परिषद की कार्यपालक अधिकारी (Executive Officer) अनुभूति श्रीवास्तव के तीन अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ईओयू की इस सिंक्रोनाइज्ड रेड में अफसर के आवासीय परिसर लखनऊ के गोमतीनगर इलाके, पटना के रुपसपुर स्थित अर्पणा मेंशन और सीवान नगर परिषद में उनके कार्यालय को घेरा बनाकर तलाशी ली गई। इस दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए हैं।
ईओयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अनुभूति श्रीवास्तव पर उनकी वैधानिक आय से करीब 79 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप है। यह मामला उस जानकारी और शिकायत पर खुला है जिसमें यह पाया गया कि उन्होंने अपनी सैलरी और अन्य कानूनी स्रोतों से मिलने वाली आमदनी से कहीं अधिक की प्रॉपर्टी और जमीन-जायदाद हासिल की है। ईओयू की जांच टीम इन सभी ठिकानों से बरामद हुए दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही है ताकि अवैध संपत्ति के स्रोत और उसके नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
गौरतलब है कि यह अनुभूति श्रीवास्तव पर भ्रष्टाचार का पहला आरोप नहीं है। इससे पहले अगस्त 2021 में भी बिहार की विशेष निगरानी इकाई (Vigilance Department) ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। उस केस में आरोप पत्र भी अदालत में दाखिल हो चुका है और वह मामला फिलहाल न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में विचाराधीन है। हैरानी की बात यह है कि उस मामले में निलंबन से मुक्त होने के बाद ही उनकी हाल ही में सीवान नगर परिषद में कार्यपालक पदाधिकारी के संवेदनशील पद पर तैनाती की गई थी।