/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/11/bihar-flood-crisis-2025-08-11-10-10-00.jpg)
पटना , वाईबीएन डेस्क ।बिहार में इस साल बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे राज्य के आठ जिलों में 12 लाख 58 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बेगूसराय, भागलपुर, पटना, भोजपुर, वैशाली, मुंगेर, सारण और लखीसराय जिलों की 230 पंचायतें पानी में डूबी हुई हैं, जबकि रविवार को अकेले एक दिन में बाढ़ के पानी में डूबने से 19 लोगों की मौत हो गई।
इन नदियों ने बढ़ाई मुसीबत
बिहार में इस समय गंगा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, पुनपुन, सोन, कमला बलान और महानंदा नदियों ने तटबंधों पर दबाव बढ़ा दिया है। भोजपुर जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से 2 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जिसके कारण बड़हरा प्रखंड के नेकनाम टोला गंगा घाट पर नदी रौद्र रूप धारण किए हुए है। जलस्तर मापने वाला पिलर पूरी तरह डूब चुका है, और अधिकारियों को हर चार घंटे में मैनुअल तरीके से जलस्तर की रिपोर्ट पटना भेजनी पड़ रही है।
ये जिले सबसे अधिक प्रभावित
बेगूसराय जिले की 36 पंचायतों में 3.15 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि भागलपुर के 67 पंचायतों में 2.37 लाख लोगों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। पटना के दियारा इलाकों में सड़क संपर्क टूट गया है, और भागलपुर-सुल्तानगंज के बीच एनएच-80 पर यातायात ठप पड़ा है। खगड़िया में गंगा, गंडक, बागमती और कोसी नदी के बढ़ते जलस्तर ने हालात और भी भयावह बना दिए हैं।
राहत और बचाव कार्यों की स्थिति
राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है। एनडीआरएफ की 10 और एसडीआरएफ की 22 टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। राज्य भर में 1000 से अधिक नावें चलाई जा रही हैं, जिनके जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। तटबंधों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है ताकि कहीं भी तटबंध टूटने से बड़ी तबाही न हो।
Bihar News Hindi