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बिहार की राजनीतिक सरगर्मियां जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2025 की ओर बढ़ रही हैं, सरकार आम जनता को लुभाने के लिए एक के बाद एक लोकलुभावन फैसले ले रही है। ताजा खबर यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य सरकार जल्द ही "100 यूनिट मुफ्त बिजली" योजना लागू करने जा रही है।
यह फैसला एक तरह से आम परिवारों के बिजली खर्च को कम करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, जिसका सीधा असर 90% घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इससे जहां शहरी क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ताओं को मासिक ₹750 तक की राहत मिलेगी, वहीं ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए भी यह बड़ी राहत बनकर आएगा।
ऊर्जा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव, कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देशों के बाद ऊर्जा विभाग ने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है और इसे वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद अब कैबिनेट के समक्ष रखा जाने वाला है। ऊर्जा विभाग के अनुसार, योजना के लागू होते ही शहरी उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज, ऊर्जा शुल्क, ईंधन समायोजन शुल्क और विद्युत कर – ये सभी शुल्कों से छूट मिलेगी, यदि उनकी खपत 100 यूनिट तक सीमित रहती है।
इस कदम का सीधा मकसद चुनाव से पहले राज्य की अधिकांश जनसंख्या को आर्थिक राहत देना है, खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग को। इससे विपक्षी दलों के सामाजिक लाभ योजनाओं के वादों को सीधे चुनौती भी मिलती है।
राज्य सरकार का मानना है कि इस योजना पर प्रति वर्ष लगभग ₹1800 करोड़ का वित्तीय भार पड़ेगा, लेकिन इसके पीछे तर्क यह है कि इससे मतदाताओं में सरकार के प्रति विश्वास और समर्थन बढ़ेगा। खास बात यह है कि यह लाभ सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं तक सीमित रहेगा, जिससे योजना की पहुंच ज़्यादा लक्षित और नियंत्रित बनी रहेगी।