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बिहार के कटिहार जिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की रेड ने स्थानीय और राष्ट्रीय राजनीति दोनों में हलचल मचा दी है। सेमापुर थाना क्षेत्र में की गई इस कार्रवाई से पुलवामा हमले का कनेक्शन सामने आने की चर्चा ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने दुर्गापुर और बालूघाट क्षेत्र में मुबारक, नूर आलम, हाशिम, निजाम और इकबाल के घरों पर छापेमारी की है। इस दौरान इकबाल को हिरासत में लिया गया है, जबकि नूर आलम के मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त किए गए हैं।
पांच राज्यों के 22 स्थानों पर छापेमारी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी देशभर में आतंकवादी गतिविधियों और टेरर फंडिंग के खिलाफ एक बड़े अभियान में जुटी है। इस ऑपरेशन के तहत जम्मू-कश्मीर, बिहार समेत पांच राज्यों में कुल 22 स्थानों पर छापेमारी हो रही है। एनआईए की यह कार्रवाई 2025 में दर्ज एक नए FIR पर आधारित है, जिसका मकसद आतंकी नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचना और उनकी फाइनेंशियल चेन को ध्वस्त करना है।
कटिहार में जिन लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है, उनमें इकबाल और रिजाबुल के नाम खास तौर पर सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार रिजाबुल पहले से ही जेल में है, जबकि इकबाल को अतीत में आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बार एनआईए का ध्यान उनके संभावित आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े होने और वित्तीय लेन-देन पर है।
स्थानीय स्तर पर यह चर्चा भी तेज है कि जिन घरों में रेड की जा रही है, उनका संपर्क गांव के ही एक युवक एकलाख से था। एकलाख को पुलवामा हमले के बाद चेन्नई में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल जेल में है। बताया जा रहा है कि दुर्गापुर और सुखासन के जिन पांच लोगों के घरों में तलाशी ली गई, वे किसी न किसी रूप में एकलाख से जुड़े हुए थे। गांव के पूर्व मुखिया मुजीबुर रहमान ने भी इस तरह की जानकारी की पुष्टि की है।