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बिहार में सीट बंटवारे पर गहराया संकट: लालू ने बांटे सिंबल, कांग्रेस ने बनाई 243 सीटों की लिस्ट, तेजस्वी लौटे दिल्ली से खाली हाथ

लालू यादव ने रातोंरात आरजेडी प्रत्याशियों को सिंबल दिए और फिर वापस ले लिए, वहीं कांग्रेस ने 243 सीटों की संभावित सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। तेजस्वी यादव बिना राहुल गांधी से मिले पटना लौट आए हैं।

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YBN Bihar Desk
Mahagathbandhan Congress Seat Sharing formula

बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी तापमान बढ़ गया है। विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग पर गतिरोध गहराता जा रहा है। कांग्रेस ने अब अपने नेताओं को सभी 243 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। यह कदम सीधे तौर पर संकेत देता है कि पार्टी किसी भी स्थिति के लिए तैयार है, भले ही गठबंधन के समीकरण पूरी तरह से न बन पाएं।

इसी बीच सोमवार रात एक और बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने देर शाम अपने 10 प्रत्याशियों को सिंबल सौंप दिया था। लेकिन कुछ ही घंटों बाद खबर आई कि इन प्रत्याशियों से सिंबल वापस ले लिए गए हैं। तेजस्वी यादव भी दिल्ली से बिना राहुल गांधी से मिले ही देर रात पटना लौट आए। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने तेजस्वी को मुलाकात का समय नहीं दिया, जिससे दोनों दलों के बीच अविश्वास और गहराया है।

दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बिहार कांग्रेस नेताओं की देर रात हाईलेवल मीटिंग हुई। इस बैठक में नेताओं को दिल्ली में ही रुकने के निर्देश दिए गए। कांग्रेस का रुख साफ है कि इस बार सीटों की संख्या नहीं, बल्कि क्वालिटी पर समझौता नहीं होगा। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि हर सीट पर मजबूत उम्मीदवार उतारे जाएं ताकि बिहार में पार्टी की साख दोबारा बन सके।

इसी मीटिंग के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट डालकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। उन्होंने लिखा कि “रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय,
टूटे से फिर न मिले, मिले गांठ परिजाय।”

उनके इस ट्वीट को गठबंधन की टूटती डोर का प्रतीक माना गया। जवाब में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा कि 
“पानी आंख में भर कर लाया जा सकता है,
अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है।”

इसके बाद कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने भी सियासी कविता में जवाब देते हुए लिखा,
“शहर में आग है मगर राख में अब भी रूह है,
कुछ लोग हैं जो मोहब्बत को जिंदा रखे हुए हैं।”

इन तीनों ट्वीट्स ने बिहार की राजनीति में गठबंधन के भीतर की खींचतान को सार्वजनिक कर दिया है।

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लालू यादव ने सोमवार रात जिन प्रत्याशियों को सिंबल दिया था, उनमें बेगूसराय के मटिहानी सीट से बोगो सिंह, भोजपुर के संदेश से दीपू यादव (पूर्व विधायक अरुण यादव के बेटे) और परबत्ता से जदयू से आए संजीव सिंह का नाम शामिल था। दूसरी ओर तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से 15 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने वाले हैं।

दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी यादव और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी एक ही फ्लाइट से पटना पहुंचे, लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। दोनों एयरपोर्ट से अलग-अलग बाहर निकले। मुकेश सहनी ने पत्रकारों से कहा कि कल या परसों तक घोषणा हो जाएगी। कोई नाराजगी नहीं है। गठबंधन बीमार था, मैं नहीं। अब सब ठीक है। जबकि तेजस्वी यादव ने कहा कि एक-दो दिन में घोषणा कर दी जाएगी। कोई समस्या नहीं है, सब कुछ ठीक है।

हालांकि अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि “सब कुछ ठीक” कहने के बावजूद महागठबंधन के भीतर दरार गहरी हो रही है। कांग्रेस अपनी शर्तों से पीछे हटने को तैयार नहीं है, वहीं राजद के भीतर यह दबाव है कि पार्टी अपने पारंपरिक वोटबैंक को नाराज न करे।

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