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बिहार सरकार के एक बड़े ऐलान ने राज्य की करोड़ों महिलाओं में आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई उम्मीद जगाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 सितंबर को शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत अब तक 75 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये का सीधा लाभ पहुंच चुका है।
यदि आपके खाते में अभी तक यह राशि नहीं आई है, तो चिंता का कोई कारण नहीं है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि दिसंबर माह तक विभिन्न चरणों में सभी पात्र लाभार्थियों को यह राशि उनके खातों में भेज दी जाएगी। भुगतान की प्रक्रिया पूर्व निर्धारित तारीखों पर जारी रहेगी, जिसमें 3 अक्टूबर के बाद अगले चरण 6 अक्टूबर, 17 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, 31 अक्टूबर, 7 नवंबर, 14 नवंबर, 21 नवंबर, 5 दिसंबर, 12 दिसंबर, 19 दिसंबर और अंतिम चरण 26 दिसंबर 2024 को पूरा होगा।
इस योजना का दीर्घकालिक लक्ष्य महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रारंभिक पूंजी उपलब्ध कराना है। प्रारंभिक 10,000 रुपये की सहायता के पश्चात, योग्य महिलाएं आगे चलकर एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्राप्त कर सकेंगी। इससे वे अपना छोटा व्यवसाय शुरू कर सकेंगी और आय के नए स्रोत सृजित कर सकेंगी।
योजना की पात्रता के मानदंडों पर गौर करें तो आवेदक महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी अनिवार्य है। एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि आवेदक स्वयं या उसके पति आयकर दाता नहीं होने चाहिए। इसके अतिरिक्त, परिवार का कोई भी सदस्य किसी सरकारी सेवा में नहीं होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात, लाभ प्राप्त करने के लिए महिला का किसी जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ा होना अनिवार्य है। यदि कोई महिला अभी तक किसी समूह का सदस्य नहीं है, तो उसे सबसे पहले इस प्रक्रिया में शामिल होना होगा।
आवेदन प्रक्रिया को दो भागों में बांटा गया है। शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए आवेदन का तरीका पूर्णतया ऑनलाइन है। उन्हें बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की आधिकारिक वेबसाइट www.brlps.in पर जाकर अपना मोबाइल नंबर, आधार नंबर, बैंक खाता विवरण और व्यवसाय योजना का विवरण भरना होगा। साथ ही आधार कार्ड, बैंक पासबुक और हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए प्रक्रिया सामुदायिक है। उन्हें अपने ग्राम संगठन के माध्यम से आवेदन जमा करना होगा, जहां स्वयं सहायता समूह की बैठक में सामूहिक रूप से सभी सदस्यों के आवेदन एकत्रित किए जाते हैं।
आवेदन जमा होने के पश्चात, सामुदायिक संसाधन सेवक लाभार्थी से सीधे संपर्क स्थापित करेंगे। ये सेवक ही महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने और आगे की औपचारिकताएं पूरी करने में मदद करेंगे, जिससे लाभार्थियों को कहीं भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इस योजना के प्रति जनता के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 1.5 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जबकि 1.4 करोड़ महिलाएं पहले से ही जीविका समूहों से जुड़ी हुई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास विभाग और शहरी क्षेत्रों में नगर विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है।
यदि आपने अभी तक इस योजना के लिए आवेदन नहीं किया है, तो अभी भी अवसर उपलब्ध है। आवेदन पोर्टल खुला हुआ है और सभी पात्र महिलाएं अपना फॉर्म जमा कर सकती हैं। बस यह सुनिश्चित कर लें कि आप सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करती हैं और यदि नहीं, तो सबसे पहले किसी जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य बनें। यह योजना बिहार की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा अवसर लेकर आई है, जिसका लाभ उठाकर वे अपना और अपने परिवार का भविष्य संवार सकती हैं।
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