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बिहार में सियासी खरीद-फरोख्त का खेल: सुनील और मोनू से लंबी पूछताछ, EOU ने दिए संकेत – हो सकता है लाई-डिटेक्टर टेस्ट

बिहार में विधायकों की खरीद-फरोख्त केस की जांच तेज, EOU ने सुनील और मोनू से घंटों पूछताछ की। DIG ने कहा, विरोधाभास मिलने पर लाई-डिटेक्टर टेस्ट भी संभव।

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YBN Bihar Desk
EOU Raid
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बिहार की राजनीति में फरवरी 2024 के विश्वास प्रस्ताव से पहले विधायकों को तोड़ने और खरीद-फरोख्त की कोशिशों से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) इस केस की गहन जांच कर रही है और आरोपितों से लगातार पूछताछ जारी है। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।

ई. सुनील से EOU ने चार घंटे तक की पूछताछ

EOU मुख्यालय में इस केस के मुख्य आरोपित वैशाली निवासी ई. सुनील से करीब चार घंटे तक पूछताछ हुई। यह दूसरी बार था जब उन्हें तलब किया गया। सुनील पर पटना कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी में मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है। वहीं मनेर के मोनू कुमार भी एजेंसी के दफ्तर पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया। मोनू के नाम पर रांची में होटल बुक कराए जाने का आरोप है, जहां कथित तौर पर प्रभावित विधायकों को ठहराया गया था।

जांच एजेंसी ने पहले ही कई अहम राजनीतिक चेहरों और विधायकों से पूछताछ की है, जिनमें पूर्व मंत्री बीमा भारती और परबत्ता के विधायक डॉ. संजीव कुमार भी शामिल हैं। अब एजेंसी आरोपितों के करीबियों जैसे बॉडीगार्ड, निजी सहायक और ड्राइवरों को भी पूछताछ के लिए बुला रही है। इसका मकसद घटनाक्रम की हर कड़ी को जोड़कर पूरे नेटवर्क को उजागर करना है।

पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लन ने बताया कि सभी संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। अगर किसी के बयान में विरोधाभास मिला तो उसका स्पष्टीकरण लिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जरूरत पड़ी तो आरोपितों का लाई-डिटेक्टर टेस्ट भी कराया जा सकता है। यह बयान संकेत देता है कि एजेंसी इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है और किसी भी स्तर पर जांच को अधूरा छोड़ने के मूड में नहीं है।

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