पटना के मोकामा टाल क्षेत्र के ईशानगर गांव में एक शादी समारोह उस समय मातम में बदल गया जब हर्ष फायरिंग के दौरान एक गोली सीधे दुल्हन के मौसा उमेश पासवान के चेहरे पर जा लगी। इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या हर्ष फायरिंग जैसी परंपराएं अब जानलेवा बन चुकी हैं?
यह हादसा मंगलवार सुबह करीब 4 बजे हुआ, जब समधी मिलन का कार्यक्रम चल रहा था। गांव ईशानगर में इंदल पासवान की बेटी की शादी में कुछ लोग खुशी के माहौल में गोलियां चला रहे थे। उसी दौरान यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी।
समारोह में भगदड़, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
जैसे ही गोली चली, समारोह में हड़कंप मच गया और लोगों में अफरातफरी फैल गई। उमेश पासवान की मौके पर ही मौत हो गई, और शादी की खुशियां पल भर में मातम में बदल गईं। मृतक के परिजन बदहवास हैं, और गांव में गम और गुस्से का माहौल है।
पुलिस और फॉरेंसिक जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही घोसवरी थाना पुलिस और एफएसएल (Forensic Science Laboratory) की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल से गोली का खोखा बरामद किया है और इसे जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि हथियार वैध था या अवैध, और गोली किसने चलाई।
यह घटना कोई पहली नहीं है। हाल के महीनों में बिहार में हर्ष फायरिंग से कई मौतें हो चुकी हैं — जैसे फरवरी 2025 में वैशाली में और मार्च में आरा में बच्चों और युवाओं की मौत। अब यह साफ हो गया है कि हर्ष फायरिंग एक खतरनाक सामाजिक बुराई बन चुकी है, जिसे तुरंत रोके जाने की जरूरत है।