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पटना की सड़कों पर आज युवा कांग्रेस का गुस्सा खुलकर सामने आया। अडानी को बिजलीघर के लिए जमीन देने के मुद्दे पर युवा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सदाकत आश्रम से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले। जैसे ही कार्यकर्ता राजापुर पुल के पास पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान स्थिति बिगड़ गई और उग्र कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। देखते ही देखते सड़क पर हंगामा शुरू हो गया और कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए।
प्रदर्शन का नेतृत्व युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु चिब और प्रदेश अध्यक्ष गरीब दास कर रहे थे। इन दोनों के साथ पार्टी प्रवक्ता ज्ञान रंजन भी मौजूद थे। पुलिस ने जब कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की तो झड़प की स्थिति पैदा हो गई। हालात काबू से बाहर जाते देख पुलिस ने लाठियां चलाईं और कई कार्यकर्ताओं को बलपूर्वक हटाया गया। कई प्रदर्शनकारी सड़क पर लेट गए जिन्हें पुलिस ने घसीटकर राइट कंट्रोल वाहन में बैठाया।
प्रदर्शन का असली मुद्दा भागलपुर जिले के पीरपैंती में अदाणी को जमीन देने का है। युवा कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव दे दी है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि 1050 एकड़ जमीन के साथ हजारों आम के पेड़ भी सिर्फ एक रुपये सालाना की लीज पर दे दिए गए हैं। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि यह किसानों के साथ धोखा है।
युवा कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों की मेहनत की कमाई और उनकी जमीनें छीन रही है। इस फैसले का असर केवल किसानों पर नहीं, बल्कि पूरे इलाके की आजीविका पर पड़ेगा। उनका कहना है कि सरकार का यह कदम बिहार में कृषि आधारित समाज की रीढ़ तोड़ देगा।
पुलिस की कार्रवाई और प्रदर्शनकारियों की आक्रामकता ने पटना में माहौल तनावपूर्ण बना दिया। कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। इस घटना से बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। जहां एक ओर सरकार अपने फैसले को विकास और निवेश का हिस्सा बता रही है, वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी नीति करार दे रहा है।
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