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बिहार की सियासत में एक बड़ा और नया मोड़ देखने को मिल रहा है, जहां भोजपुरी सिनेमा के धाकड़ स्टार पवन सिंह एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ पूरी तरह से जुड़ गए हैं। इस पूरे राजनीतिक समीकरण पर बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने मुहर लगाते हुए स्पष्ट किया कि 'पवन सिंह बीजेपी में थे और वह बीजेपी में ही रहेंगे।'
इस वापसी की पुष्टि के साथ ही यह खबर भी तेजी से फैल रही है कि पवन सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एक महत्वपूर्ण मुलाकात भी की है।
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत मंगलवार को तब हुई जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े और ऋतुराज सिन्हा सीधे दिल्ली में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के निवास पर पहुंचे। इस मुलाकात का मुख्य एजेंडा पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच चल रहे मतभेदों को सुलझाना और उनमें सुलह करवाना था। इस बैठक के सफल परिणाम निकले और इसके ठीक एक दिन पहले सोमवार को ही पवन सिंह ने विनोद तावड़े और ऋतुराज सिन्हा से अलग से मुलाकात करके सभी मुद्दों पर चर्चा की थी। इन लगातार हो रही मुलाकातों ने ही पवन सिंह की बीजेपी में वापसी का रास्ता साफ किया।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या पवन सिंह को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में आरा विधानसभा सीट से एनडीए के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जाएगा। माना जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो इससे बीजेपी और एनडीए को शाहाबाद इलाके में जबरदस्त फायदा मिल सकता है। शाहाबाद क्षेत्र में भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिलों की कुल 22 विधानसभा सीटें आती हैं और पवन सिंह का इस पूरे इलाके में काफी प्रभाव है। एक बड़े फिल्म स्टार और स्थानीय नेता के तौर पर उनकी लोकप्रियता को देखते हुए यह कदम बीजेपी की चुनावी रणनीति का एक अहम हिस्सा साबित हो सकता है।
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