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बिहार में सोमवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कार्रवाई ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी। एनआईए ने वैशाली जिले के हाजीपुर और पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में तड़के छापेमारी की। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी मुजफ्फरपुर में पहले बरामद हुए एके-47 मामले से जुड़ी हुई है। उस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी के मोबाइल से पूर्व मुखिया छेदी सिंह के छोटे पुत्र मृत्युंजय प्रताप सिंह उर्फ सोनू सिंह का नंबर मिला था। इसी कड़ी के आधार पर एजेंसी को हथियारों की अवैध सप्लाई की आशंका है।
सुबह ही NIA की टीम ने की छापेमारी
जानकारी के मुताबिक, हाजीपुर के पकड़ी दयाल गांव में एनआईए की टीम सुबह करीब चार बजे चार गाड़ियों से पहुंची। गांव में अचानक केंद्रीय एजेंसी की मौजूदगी से अफरा-तफरी मच गई। टीम ने थरबिटिया पंचायत के पूर्व मुखिया के घर की गहन तलाशी ली। इस दौरान घर के हर कोने, अलमीरा और दस्तावेजों को खंगाला गया और पूरी छापेमारी की वीडियोग्राफी भी कराई गई। हालांकि तलाशी में कोई हथियार बरामद नहीं हुआ, लेकिन टीम मृत्युंजय सिंह का मोबाइल जब्त कर अपने साथ ले गई। साथ ही उसे पटना स्थित एनआईए कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
इस कार्रवाई को बिहार में हथियारों की अवैध आपूर्ति और संगठित नेटवर्क के खिलाफ चल रहे बड़े अभियान से जोड़ा जा रहा है। सूत्रों का मानना है कि एनआईए अवैध हथियारों की तस्करी के उस नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश कर रही है, जिसकी डोर विभिन्न जिलों में फैली हुई है। फिलहाल एजेंसी ने आधिकारिक बयान जारी करने से परहेज किया है, लेकिन छापेमारी की यह कार्रवाई राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बड़ी चर्चा का विषय बन गई है।