Advertisment

नीतीश की नई टीम में परिवारवाद की मजबूत छाप, 26 में 10 मंत्री राजनीतिक विरासत के सहारे सत्ता में

बिहार की नई नीतीश कैबिनेट में 26 में से 10 मंत्री राजनीतिक परिवारों से आते हैं। सम्राट चौधरी से लेकर श्रेयसी सिंह तक कई चेहरे विरासत के सहारे सत्ता में पहुंचे। पढ़ें पूरी विश्लेषणात्मक रिपोर्ट।

author-image
YBN Bihar Desk
Nitish Cabinet

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी नई एनडीए सरकार ने शपथ तो ले ली, लेकिन कैबिनेट की संरचना एक बार फिर राज्य की सियासत में परिवारवाद की चर्चा को तेज कर रही है। कुल 26 मंत्रियों में से 10 ऐसे चेहरे हैं जिनकी राजनीति की जड़ें उनके परिवार की पुरानी पहचान से जुड़ी हैं। इनमें भाजपा, जदयू, हम और आरएलएम सभी दलों के नेता शामिल हैं। कुछ पहली बार मंत्री बने हैं, जबकि कुछ पुराने नाम पहले से ही सरकार चलाने का अनुभव रखते हैं।

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी अपने पिता शकुनी चौधरी की मजबूत राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। तारापुर सीट से छह बार उनके पिता चुनाव जीत चुके थे और सम्राट भी खुद पहले राबड़ी देवी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी की राजनीति भी उनके पिता जगदीश प्रसाद चौधरी से ही आगे बढ़ी। दलसिंहसराय क्षेत्र में उनके परिवार की पकड़ पहले से मजबूत रही है।

अशोक चौधरी की राजनीतिक यात्रा भी परिवार से ही शुरू हुई थी। उनके पिता महावीर चौधरी कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे और अशोक ने भी कांग्रेस से अपना करियर शुरू किया, बाद में वे जदयू में आए। दिलचस्प बात यह है कि उनकी बेटी शांभवी भी समस्तीपुर से सांसद हैं, जो राजनीतिक परिवार की तीसरी पीढ़ी को सामने लाती है।

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के कोटे से मंत्री बने संतोष सुमन पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे हैं। मांझी परिवार पिछले कई वर्षों से प्रदेश की राजनीति में सक्रिय है और संतोष खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मांझी की बहू और समधन भी विधायक हैं, जिससे पूरा परिवार अलग-अलग मोर्चों पर सक्रिय दिखाई देता है।

Advertisment

नई कैबिनेट में पहली बार मंत्री बनाए गए दीपक प्रकाश आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं। उनकी मां स्नेहलता भी विधायक हैं, जो इस परिवार को सत्ता के केंद्र में बनाए रखती हैं। भाजपा के मंत्री नितिन नबीन अपने पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा की राजनीतिक धरातल पर ही खड़े हैं। पटना की बांकीपुर सीट पर उनका लगातार मजबूत असर उसी विरासत का नतीजा है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार की पृष्ठभूमि भले सेवा क्षेत्र से जुड़ी रही हो, लेकिन उनके पिता चंद्रिका राम की राजनीतिक छवि ने उनकी राह को आसान बनाया। इसी तरह कॉमनवेल्थ गोल्ड विजेता श्रेयसी सिंह को खेल जगत के साथ-साथ अपने पिता दिग्विजय सिंह की विरासत का भी सहारा मिला है। उनकी मां पुतुल देवी भी सांसद रही थीं।

बीजेपी की रमा निषाद अपने पति अजय निषाद और ससुर कैप्टन जय नारायण निषाद द्वारा स्थापित राजनीतिक आधार को आगे बढ़ा रही हैं। कैप्टन निषाद को मुजफ्फरपुर की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा माना जाता था। जदयू की लेशी सिंह ने अपने पति बूटन सिंह की मृत्यु के बाद राजनीति में कदम रखा और लगातार इलाके में मजबूत उपस्थिति बनाए रखी।

Advertisment

Bihar news | Bihar news 2025 | Bihar News Hindi | bihar newslive | Nitish Cabinet | Nitish Cabinet Expansion | Nitish Cabinet reshuffle

Bihar news Nitish Cabinet Expansion Nitish Cabinet reshuffle Nitish Cabinet Bihar News Hindi Bihar news 2025 bihar newslive
Advertisment
Advertisment