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बिहार की राजनीति इन दिनों तेजी से करवट ले रही है और अगले दो दिन सत्ता के समीकरण तय करने वाले हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अपने मौजूदा कार्यकाल की आखिरी कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि बैठक खत्म होते ही वे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मिलकर इस्तीफा सौंप देंगे। इस्तीफे के साथ ही एनडीए की नई सरकार के गठन का रास्ता पूरी तरह खुल जाएगा।
इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री की भूमिका में रहेंगे। इसके साथ ही आज भाजपा और जदयू दोनों दलों की विधायक दल की बैठकें भी होने वाली हैं। इन बैठकों में नेतृत्व, सत्ता संरचना और शपथ ग्रहण की तैयारियों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बिहार की सियासत में इस तरह का तेज़ घटनाक्रम लंबे समय बाद देखने को मिल रहा है।
243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए ने इस चुनाव में बड़ा जनादेश हासिल किया है। भाजपा ने 89 सीटें, जदयू ने 85, एलजेपी (रामविलास) ने 19 सीटें अपने नाम की हैं। एचएएम और आरएलएम ने भी 9 सीटें जीतकर गठबंधन को मजबूत आधार दिया है। इस मजबूती ने एनडीए के लिए सत्ता तक का रास्ता आसान कर दिया है और यह संकेत दिया है कि राज्य में स्थिर सरकार बनने जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार आज ही राज्यपाल के सामने अपना इस्तीफा देने के साथ-साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। माना जा रहा है कि वे 20 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। यह शपथ उनके राजनीतिक करियर का दसवां अध्याय होगा।
उधर, जदयू विधायक दल की बैठक को लेकर सभी विधायकों को सीएम हाउस में उपस्थिति के निर्देश दिए गए हैं। वहीं पटना के गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी तेजी से चल रही है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण को देखते हुए 17 से 20 नवंबर तक आम लोगों की एंट्री बंद कर दी है। आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की भी संभावना है, जिससे यह समारोह बड़े स्तर का बन सकता है।
22 नवंबर को मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इससे पहले नई सरकार का गठन लगभग तय माना जा रहा है।
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