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बिहार की राजनीति इन दिनों नए समीकरणों और अप्रत्याशित बयानों से गरमाई हुई है। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सार्वजनिक मंच से प्रशंसा कर सबको चौंका दिया। जो पप्पू यादव कल तक तेजस्वी को अनुभवहीन और परिवारवादी नेता बताते थे, वही अब उन्हें "जननायक" की उपाधि दे रहे हैं। इस अप्रत्याशित बदलाव ने बिहार की राजनीति में चर्चाओं का नया दौर शुरू कर दिया है।
तेजस्वी यादव की सराहना में खुल के बोले पप्पू यादव
पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता, युवाओं पर पकड़ और संगठनात्मक ताकत की सराहना करते हुए कहा कि आज बिहार के युवा उन्हें एक नई उम्मीद के तौर पर देख रहे हैं। राजनीतिक हलकों में इस बयान को महज व्यक्तिगत रिश्तों की सुधार प्रक्रिया नहीं बल्कि 2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई जा रही रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
माना जा रहा है कि पप्पू यादव का यह रुख विपक्षी एकता की दिशा में एक बड़ा संकेत है। अब तक अलग-थलग खड़े पप्पू यादव विपक्षी गठबंधन INDIA के करीब आते दिख रहे हैं। जानकारों के अनुसार, अगर पप्पू यादव और तेजस्वी यादव के बीच यह समीकरण आगे भी कायम रहा तो 2025 के चुनाव में विपक्षी महागठबंधन को मजबूती मिल सकती है।
पप्पू और तेजस्वी के बीच रही है तल्खी
पप्पू यादव और तेजस्वी यादव के रिश्तों का इतिहास हमेशा तल्ख रहा है। 2015 के चुनाव के बाद पप्पू ने तेजस्वी को अनुभवहीन बताया था। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने तेजस्वी पर नेतृत्व की विफलता का आरोप लगाया। यहां तक कि 2017 में नीतीश कुमार के राजद से अलग होने पर पप्पू यादव ने कहा था कि तेजस्वी अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे।
तेजस्वी यादव भी पप्पू यादव को कभी पसंद नहीं करते रहे। 2024 लोकसभा चुनाव में जब पप्पू यादव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पूर्णिया से मैदान में थे, तब तेजस्वी ने एक सभा में यहां तक कह दिया था कि अगर राजद को वोट न देना हो तो दूसरे गठबंधन को दे दें, लेकिन पप्पू को नहीं।
Bihar | Tejashwi Yadav