मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी रहे आरसीपी सिंह ने रविवार को जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। उन्हें पार्टी की सदस्यता जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दिलाई।
पिछले कुछ दिनों से बिहार से बाहर तेजस्वी यादव रविवार को पटना लौटते ही राजनीतिक दंगल में उतर गए हैं7 आरसीपी सिंह के जन सुराज पार्टी में शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों पहले जनता दल (यू) में थे.. एक राष्ट्रीय अध्यक्ष और एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष। अब कौन किसके इशारे पर क्या कर रहा है, यह बिहार की जनता भलीभांति जानती है। इससे अधिक कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बार-बार यह कहा है कि "2005 से पहले बिहार में कुछ नहीं था"। इस पर पलटवार करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि, "यह बात उनके दिमाग में बैठ गई है, लेकिन हकीकत यह है कि 2005 से पहले भी जनता की सुनी जाती थी, अफसरशाही नहीं थी और कोई रिटायर्ड मुख्यमंत्री सरकार नहीं चलाता था।"
वहीं संयुक्त राष्ट्र (UNO) में भारत सरकार द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों से प्रतिनिधियों को भेजे जाने पर तेजस्वी यादव ने समर्थन जताया और कहा कि, "यह एक सही कदम है। अलग-अलग दलों के प्रतिनिधि जाकर देश की बात वहां रखेंगे।"