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तेजस्वी यादव का नया दांव: मुकेश सहनी के बाद अब 'पान नेता' आईपी गुप्ता से बढ़ी नजदीकी, महागठबंधन में नए समीकरण के संकेत

मुकेश सहनी के महागठबंधन से दूर होने के संकेतों के बीच तेजस्वी यादव ने पान नेता आईपी गुप्ता से मुलाकात कर नया राजनीतिक समीकरण तैयार करने की कोशिश शुरू की है। क्या आईपी गुप्ता बनेंगे तेजस्वी का नया पत्ता?

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YBN Bihar Desk
Tejashwi Yadav IP Gupta

बिहार की राजनीति में इन दिनों महागठबंधन के भीतर हलचल तेज हो गई है। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी के रुख से यह लगभग साफ होता जा रहा है कि वह जल्द ही गठबंधन से किनारा कर सकते हैं। ऐसे में विपक्ष के नेतृत्वकर्ता और राजद के नेता तेजस्वी यादव ने अब प्लान बी पर काम शुरू कर दिया है। इस नए राजनीतिक समीकरण का चेहरा बन सकते हैं पान नेता आईपी गुप्ता, जिनसे तेजस्वी यादव ने अपने पटना स्थित आवास पर मुलाकात की।

यह मुलाकात यूं ही नहीं हुई। आईपी गुप्ता का नाम हाल ही में सुर्खियों में आया था जब उन्होंने पटना के गांधी मैदान में जबरदस्त भीड़ जुटाकर रैली की थी। इस रैली में इतनी गाड़ियां आईं कि शहर के मुख्य रास्तों पर घंटों तक ट्रैफिक जाम लगा रहा। राजनीतिक हलकों में इसे पान समाज की ताकत का प्रदर्शन माना गया। गुप्ता ने कुछ महीने पहले राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी, लेकिन अब उनका झुकाव राजद की ओर नजर आ रहा है।

आईपी गुप्ता ने मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए किसी तरह का सीधा ऐलान नहीं किया, लेकिन उनकी शायरी ने संकेत दे दिया कि वह महागठबंधन में अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं। उन्होंने लिखा किपहली मुलाकात है, मिला मजबूत साथ है। शाम भी खास है, वक्त भी खास है। मुझको एहसास है, तुझको एहसास है।

गौरतलब है कि आईपी गुप्ता अखिल भारतीय पान महासंघ के अध्यक्ष हैं और उन्होंने गांधी मैदान रैली के निमंत्रण के लिए पूरे बिहार में हेलिकॉप्टर से प्रचार किया था। वे पान समाज के साथ-साथ तांती-ततमा समाज को भी संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि यही समाज जब एकजुट हुआ तो लालू यादव, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और मांझी जैसे नेता उभरकर आए।

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तांती-ततमा समाज के राजनीतिक मुद्दे को भी गुप्ता ने केंद्र में रखा है। बिहार सरकार ने 2015 में इस समाज को अति पिछड़ा वर्ग से हटाकर दलित श्रेणी में शामिल किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में उस फैसले को रद्द कर दिया। अब यह समाज फिर से ईबीसी वर्ग में है और गुप्ता चाहते हैं कि इसे दोबारा अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए। इस मुद्दे को वह राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव की यह मुलाकात बताती है कि वह सिर्फ महागठबंधन के वर्तमान समीकरण पर नहीं, बल्कि भविष्य के सामाजिक समीकरण पर भी नजर रखे हुए हैं। मुकेश सहनी के हटने से महागठबंधन को मल्लाह वोट बैंक में नुकसान हो सकता है, जिसे पान समाज और तांती-ततमा समाज के समर्थन से संतुलित करने की कोशिश की जा सकती है।

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