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बिहार की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ NDA के भीतर ही क्या कोई साजिश रची जा रही है? पिछले कुछ दिनों में हुए कुछ अप्रत्याशित घटनाक्रमों ने इस ओर इशारा किया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। जदयू और भाजपा के बीच बढ़ते तनाव, कार्यक्रमों में उपमुख्यमंत्री की उपेक्षा और विरोधी नेताओं के बयानों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
उद्घाटन कार्यक्रम में जदयू-भाजपा की खींचतान, विजय सिन्हा हुए नाराज
संसार पोखर के सौंदर्यीकरण और छठ घाट निर्माण कार्यक्रम में जदयू और भाजपा नेताओं के बीच खुलकर टकराव हुआ। जदयू जिलाध्यक्ष रामानंद मंडल और नगर सभापति अरविंद पासवान ने आरोप लगाया कि बैनर-पोस्टरों में जदयू नेताओं को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। इसके बाद उन्होंने विजय सिन्हा के आने से पहले ही शिलान्यास कर दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस हुई, जिसे डेप्युटी सीएम और पुलिस अधिकारियों ने मुश्किल से शांत कराया।
सूर्यगढ़ा में विजय सिन्हा और भाजपा विधायक की खुली अनदेखी
सूर्यगढ़ा में 34 करोड़ की सड़क योजना और 13 करोड़ के पुल निर्माण के शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) और मंत्री अशोक चौधरी मौजूद थे, लेकिन न तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा को आमंत्रित किया गया और न ही स्थानीय भाजपा विधायक प्रह्लाद यादव को। इससे NDA के भीतर चल रही कलह साफ झलकने लगी। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने साफ इशारा दिया कि सूर्यगढ़ा से लखीसराय का कोई आतंक चुनाव नहीं लड़ेगा, जिसे प्रह्लाद यादव के लिए चेतावनी माना जा रहा है। बता दें कि प्रह्लाद यादव ने विजय सिन्हा के कहने पर ही राजद छोड़कर NDA का दामन थामा था।
तेजस्वी यादव का दावा – विजय सिन्हा अपने ही लोगों से घिरे!
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मौके का फायदा उठाते हुए कहा कि विजय सिन्हा जी अपने ही मंत्री से परेशान हैं। इनके ही लोग इन्हें हराने में लगे हैं। उन्होंने प्रह्लाद यादव को भी सदन में चेतावनी देते हुए कहा था कि आप भाजपा में तो चले गए, लेकिन साजिश में फंस गए। मुसीबत के वक्त तेजस्वी ही आपके काम आएगा।