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जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को चुनौती देने का नया फॉर्मूला पेश किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए केवल जातिगत समीकरण या MY (मुस्लिम-यादव) राजनीति काफी नहीं है, बल्कि विचारधारा आधारित व्यापक सामाजिक गठबंधन की जरूरत है।
आधे से ज्यादा हिंदू भाजपा की विचारधारा से सहमत नहीं : प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि भारत के आधे से ज्यादा हिंदू भाजपा की विचारधारा से सहमत नहीं हैं। ऐसे सभी वर्ग, जो गांधी, जयप्रकाश नारायण, बाबा साहेब अंबेडकर और लोहिया जैसे नेताओं के विचारों को मानते हैं, उन्हें मुसलमानों के साथ एकजुट होकर नया राजनीतिक गठबंधन बनाना चाहिए। उनके मुताबिक यही वह रास्ता है, जिससे भाजपा को निर्णायक रूप से हराया जा सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर का यह बयान न केवल भाजपा को सीधी चुनौती देता है बल्कि विपक्षी पार्टियों की रणनीति पर भी सवाल खड़े करता है। लंबे समय से बिहार की राजनीति जातिगत आधार पर चलती रही है, लेकिन प्रशांत किशोर का फॉर्मूला उस पारंपरिक राजनीति से हटकर विचारधारा पर आधारित व्यापक गठबंधन की वकालत करता है।
जन सुराज अभियान को लेकर प्रशांत किशोर लगातार राज्य के अलग-अलग जिलों में जनता से संवाद कर रहे हैं। उनके इस नए राजनीतिक फॉर्मूले को आगामी चुनाव से पहले एक बड़ी राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या विपक्षी दल उनके इस विचार को गंभीरता से अपनाते हैं या फिर यह बयान केवल राजनीतिक बहस तक ही सीमित रह जाता है।
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