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बिहार की राजनीति में जन सुराज अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) लगातार नए मुद्दे उठाकर खुद को जनता के सामने विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं। भभुआ में आयोजित एक जन संवाद में उन्होंने साफ कहा कि बिहार की गरीबी को दूर करने के लिए सिर्फ तीन उपाय हैं— शिक्षा, रोजगार और जमीन। किशोर ने दावा किया कि जब तक इन तीनों क्षेत्रों में ठोस सुधार नहीं होगा, तब तक राज्य का पिछड़ापन खत्म नहीं किया जा सकता।
प्रशांत किशोर ने बताए बिहार के पिछड़ेपन का कारण
उन्होंने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, युवाओं को रोजगार का अवसर उपलब्ध हो और किसानों को जमीन व खेती से वास्तविक लाभ मिले, तभी समाज गरीबी से बाहर निकलेगा। किशोर ने उदाहरण देते हुए कहा कि चंपारण की चीनी मिलें और अन्य उद्योग अचानक बंद नहीं हुए बल्कि धीरे-धीरे खत्म किए गए, लेकिन उसी दौर के नेता लगातार चुनाव जीतते रहे। यही कारण है कि बिहार आज भी विकास से कोसों दूर है।
लालू-नीतीश पर प्रशांत का निशाना
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 35 सालों में बिहार की जनता के पास विकल्प नहीं था, इसलिए वही नेता बार-बार जीतते रहे। अब जन सुराज जनता के सामने एक नया विकल्प बनकर उभर रहा है। किशोर ने अपील की कि लोग जन सुराज को पांच साल का मौका दें और अगर कोई बदलाव नहीं दिखे तो सरकार बदलने में देर न करें।
हर प्रखंड में खुलेंगे नेतरहाट जैसे पांच स्कूल
उन्होंने शिक्षा को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि जन सुराज सरकार बनी तो हर प्रखंड में नेतरहाट जैसे पांच- पांच स्कूल खोले जाएंगे। पहले पांच साल में एक-एक स्कूल जरूर बनाकर खड़ा किया जाएगा। इसके साथ ही तब तक 15 साल तक के बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी ताकि किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित न रहना पड़े।
किसानों और महिलाओं के लिए किशोर ने वादा किया कि उन्हें सिर्फ 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न सिर्फ खेती की स्थिति सुधरेगी बल्कि आम परिवारों को भी शादी-ब्याह और अन्य जरूरी कामों में राहत मिलेगी।
किशोर ने कहा कि बिहार की व्यवस्था पिछले 50-60 वर्षों से बिगड़ी हुई है, इसलिए इसका सुधार एक दिन में संभव नहीं। लेकिन अगर जनता और नेतृत्व मिलकर प्रयास करें तो आने वाले दस सालों में बदलाव नजर आने लगेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि हमेशा योग्य उम्मीदवार को वोट दें चाहे वह किसी भी पार्टी का हो। अगर जन सुराज का उम्मीदवार भी अच्छा न लगे तो उसे वोट न दें।
इस जन संवाद में भोजपुरी गायक रितेश पांडेय, पूर्व सभापति जैनेंद्र कुमार आर्य और हेमंत चौबे सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध लोग मौजूद रहे।