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राजनीति में 'बाहुबली' शब्द का प्रयोग अक्सर सत्ता और विवाद दोनों के लिए होता है। बिहार की राजनीति में एक ऐसा ही नाम है—राजबल्लभ यादव। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे राजबल्लभ को 15 दिन की पैरोल मिलना फिर से सियासी चर्चाओं में आ गया है।
पैरोल की वजहें: इलाज और पारिवारिक संपत्ति विवाद
बिहार गृह विभाग के कारा एवं सुधार सेवा निरीक्षणालय ने उनके आवेदन को स्वीकारते हुए, बेऊर जेल अधीक्षक को निर्देशित किया है कि उन्हें 15 दिनों की पैरोल दी जाए। मिली जानकारी के अनुसार, पैरोल उनकी वृद्ध मां की गंभीर बीमारी, स्वयं की चिकित्सा और पुश्तैनी जमीन के बंटवारे के लिए दी गई है।
दुष्कर्म केस की पृष्ठभूमि
2016 में एक 15 वर्षीय नाबालिग ने राजबल्लभ यादव पर रेप का आरोप लगाया था। FIR के अनुसार, पीड़िता को जन्मदिन की पार्टी के बहाने घर बुलाया गया था, जहां नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म किया गया। मामला अदालत तक पहुंचा और सत्र न्यायालय ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ट्रायल के दौरान 20 से अधिक गवाहों ने गवाही दी थी।
राजबल्लभ यादव कभी RJD के कद्दावर नेता माने जाते थे। हालांकि, इस केस के बाद पार्टी ने उनसे दूरी बना ली। अब पैरोल की यह मंजूरी ऐसे समय आई है जब बिहार में विपक्षी महागठबंधन सरकार से पहले ही रोजगार और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर हमलावर है।