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देशभर में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (Maternal and Child Health) के क्षेत्र में बिहार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। समेकित बाल विकास सेवाएं (ICDS) के ताजा पोषण ट्रैकर रिपोर्ट (Nutrition Tracker Report May 2025) के अनुसार, बिहार ने नवजात शिशुओं (Newborn Care) और गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women Care) की देखभाल के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है।
क्या कहती है ICDS की रिपोर्ट?
नवजात पंजीकरण में उछाल: नवंबर 2024 में 2.27 लाख से बढ़कर मई 2025 में 3.35 लाख+
गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण: 5.10 लाख (नवंबर 2024) से बढ़कर 6.97 लाख+ (मई 2025)
मासिक वृद्धि दर:
नवजात: 20-25 हज़ार प्रति माह
गर्भवती महिलाएं: 30-35 हज़ार प्रति माह
बिहार की सफलता के मुख्य आधार
आंगनबाड़ी केंद्रों की सक्रियता (Anganwadi Centers Performance):
घर-घर जाकर टीकाकरण (Door-to-Door Vaccination)
स्तनपान जागरूकता (Breastfeeding Awareness Campaigns)
गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण परामर्श (Nutrition Counseling)
मिशन मोड में कार्ययोजना:
हाई-रिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं की विशेष निगरानी
आशा कार्यकर्ताओं (ASHA Workers) द्वारा नियमित फॉलो-अप
प्रौद्योगिकी का उपयोग:
डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम (POSHAN Tracker App) के माध्यम से रियल-टाइम डेटा संग्रह
बिहार में पहले शिशु मृत्यु दर (IMR) और मातृ मृत्यु दर (MMR) चिंता का विषय थे। 2023 के NFHS-5 डेटा के अनुसार, बिहार का IMR (38 प्रति 1000 जन्म) राष्ट्रीय औसत (28) से अधिक था। इस सुधार से राज्य के स्वास्थ्य संकेतकों (Health Indicators) में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।