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बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष के सदस्यों ने काले कपड़े पहनकर विधानसभा परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को "लोकतंत्र के खिलाफ" बताते हुए नीतीश कुमार सरकार को जनविरोधी करार दिया। विपक्षी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के प्रवेश में भी रोड़ा अटकाया, जिससे सदन में तनावपूर्ण माहौल बना रहा।
विपक्ष का आरोप है कि राजग सरकार ने मतदाता सूची में जानबूझकर छेड़छाड़ की है। उनका दावा है कि कुछ क्षेत्रों से विशेष समुदायों के मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं या बदले गए हैं, ताकि चुनाव में पक्षपातपूर्ण लाभ लिया जा सके। इस मुद्दे पर सोमवार को भी सदन में जमकर हंगामा हुआ था, जिसके बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
मंगलवार को विपक्षी दलों ने काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज किया। उन्होंने हाथों में पोस्टर लेकर नारेबाजी की और सदन की सीढ़ियों पर बैठकर धरना दिया। विधानसभा अध्यक्ष के आने पर भी विपक्षी सदस्यों ने उनका रास्ता रोका, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
यह मानसून सत्र नीतीश सरकार के वर्तमान कार्यकाल का अंतिम सत्र है, जो 25 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान वित्तीय विधेयक, अध्यादेशों की स्वीकृति और बजट पर चर्चा होनी है। लेकिन विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वह मतदाता सूची के मुद्दे पर सरकार को घेरता रहेगा। ऐसे में, पूरे सत्र में गतिरोध और हंगामे की आशंका बनी हुई है।