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बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। तेजस्वी यादव ने सरकार पर मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाया, जिसके जवाब में सीएम नीतीश कुमार ने उनके पारिवारिक राजनीतिक इतिहास को लेकर करारा प्रतिउत्तर दिया।
तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में मतदाता सूची की समीक्षा कराने की जरूरत है क्योंकि इसमें कई त्रुटियां हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि चुनाव पारदर्शी तरीके से हों और कोई भी वोटर अपने अधिकार से वंचित न रहे। इस पर सीएम नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि तेजस्वी जी, आप अपने माता-पिता के कार्यकाल को याद करें। उस दौरान महिलाओं के लिए क्या किया गया? पटना में शाम को महिलाएं सुरक्षित नहीं थीं।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं को 50% आरक्षण देकर इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि हमने मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए भी कई योजनाएं चलाई हैं। जब आप गठबंधन में थे, तब आप हमारी प्रशंसा करते थे। अब चुनाव नजदीक है, इसलिए विवाद खड़ा कर रहे हैं।
सीएम ने तेजस्वी यादव को यह भी याद दिलाया कि वे राजनीति में नए हैं और उन्हें अभी अनुभव की कमी है। उन्होंने कहा कि आप अभी बच्चे हैं, आपको इतिहास नहीं पता। हमारी सरकार के कामों के बल पर ही हम चुनाव लड़ेंगे।
इस बहस के बाद सदन में राजद और जदयू विधायकों के बीच कुछ देर तनावपूर्ण माहौल रहा। विपक्ष ने सरकार पर जनमुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया, जबकि सत्तापक्ष ने कहा कि विकास के मुद्दों पर ही चुनाव लड़ा जाएगा।