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बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। इन भ्रष्ट अधिकारियों के पास से कुल 1.35 लाख रुपये बरामद किए गए। इस अभियान में शिक्षा विभाग से लेकर उद्योग केंद्र और राजस्व विभाग तक के कर्मचारी पकड़े गए, जिससे यह साफ हो गया है कि राज्य में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है।
भोजपुर में बड़ी कार्रवाई, BEO गिरफ्तार
सबसे बड़ी गिरफ्तारी भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड में हुई, जहां प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मो. गुलाम सरवर और शिक्षक कादिर हुसैन अंसारी को एक लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। निगरानी डीएसपी आदिल राज की टीम ने शिकायतकर्ता संतोष कुमार की सूचना पर यह कार्रवाई की। संतोष कुमार ने आरोप लगाया था कि उनका बकाया वेतन जारी करने के एवज में दोनों अधिकारी घूस मांग रहे थे।
दूसरी कार्रवाई मधुबनी जिले में की गई। यहां एमएसएमई मित्र मोशाहिद खान को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते उनके कार्यालय से ही गिरफ्तार किया गया। शिकायतकर्ता सुशील कुमार ने बताया कि उन्हें लघु उद्यमी योजना के तहत स्वीकृत लोन की शेष राशि जारी करने के लिए रिश्वत देनी पड़ रही थी।
खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड में तीसरी कार्रवाई हुई। राजस्व कर्मचारी सत्येंद्र सिंह को जमीन के दाखिल-खारिज के बदले 20 हजार रुपये घूस लेते हुए हेलनाधार पुल के पास से धर दबोचा गया।
चौथी गिरफ्तारी औरंगाबाद से हुई, जहां एक सब इंस्पेक्टर को रिश्वतखोरी के मामले में 20 हजार रुपये लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। सभी गिरफ्तार कर्मचारियों को पूछताछ के बाद विशेष निगरानी अदालत में पेश किया जाएगा।
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