बिहार निगरानी विभाग ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कटिहार जिले की लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी (LPO) श्वेता मिश्रा के कई ठिकानों पर छापा मारा। यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के आरोप में की गई है। निगरानी टीमों ने कटिहार, मनिहारी, पटना और प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में श्वेता मिश्रा से जुड़े आवासों, कार्यालयों और अन्य संदिग्ध स्थानों पर एक साथ छापेमारी की।
क्या मिला छापे में?
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जमीन और प्रॉपर्टी के दस्तावेज
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बैंक खातों और लेनदेन के रिकॉर्ड
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महंगे जेवरात और लक्जरी सामान
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कई अज्ञात स्रोतों से आय के प्रमाण
मिली जानकारी के अनुसार, श्वेता मिश्रा की घोषित आय और उनकी संपत्ति में बड़ा अंतर पाया गया है। निगरानी विभाग अब जब्त किए गए दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कर रहा है। यदि आरोप सही पाए गए, तो उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) और सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
"सरकार का जीरो टॉलरेंस पॉलिसी सख्त"
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब बिहार सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का दावा कर रही है। निगरानी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि "किसी भी सरकारी कर्मचारी को भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
प्रशासन में हड़कंप, अधिकारियों में दहशत
इस छापेमारी के बाद कटिहार प्रशासनिक अधिकारियों में दहशत फैल गई है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि श्वेता मिश्रा का नाम पहले भी विवादों में रहा है, लेकिन इस बार निगरानी विभाग के पास ठोस सबूत होने की बात कही जा रही है।