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बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर सियासी गर्मागर्मी बढ़ गई है। महागठबंधन के नेताओं ने सोमवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग (EC) की कार्यप्रणाली पर गंभीर आपत्तियां जताईं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आयोग पर "दिशाहीनता" का आरोप लगाते हुए कहा कि मतदाताओं को जानबूझकर भ्रमित किया जा रहा है।
चुनाव आयोग पर क्या हैं आरोप?
6 जुलाई को एक ही दिन में तीन विरोधाभासी विज्ञापन जारी किए गए
फेसबुक पोस्ट और विज्ञापनों में अलग-अलग जानकारी
बिना फोटो/पहचान पत्र वाले फॉर्म्स को लेकर भ्रम
ग्रामीण मतदाताओं के लिए आधार/मनरेगा कार्ड को न मान्य करना
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने आयोग से मुलाकात की, लेकिन हमारे किसी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। यह प्रक्रिया लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।"
महागठबंधन की पांच मुख्य मांगें
लिखित आधिकारिक आदेश जारी कर भ्रम खत्म करें
फेसबुक पोस्ट की बजाय राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से नीति बताई जाए
फॉर्म दुरुपयोग रोकने के लिए स्वतंत्र निगरानी तंत्र बनाया जाए
मतदाता नाम हटाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो
विपक्ष की शिकायतों की निष्पक्ष जांच की जाए