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बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान ने रिकॉर्ड तोड़ प्रगति दर्ज की है। चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, महज 14 दिनों में ही 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 46.95% (3.70 करोड़ से अधिक) रिवीजन फॉर्म जमा किए जा चुके हैं। यह आंकड़ा न केवल जनभागीदारी को दर्शाता है, बल्कि संभावना जताता है कि यह काम निर्धारित समय से पहले पूरा हो सकता है।
अभूतपूर्व प्रतिक्रिया: एक दिन में 82 लाख फॉर्म
चुनाव आयोग द्वारा जारी ताजा डेटा के मुताबिक ECINET पोर्टल पर अब तक 18.16% फॉर्म अपलोड किए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 82.78 लाख फॉर्म एकत्र किए गए (10.5% दैनिक प्रगति) हैं। जबकि 7.70 करोड़ प्रपत्र (97%) मतदाताओं तक पहुंचाए जा चुके हैं। यदि यही गति बनी रही, तो 25 जुलाई की अंतिम तिथि से पहले ही पूरा कार्य संभव है।
इस अभूतपूर्व सफलता के पीछे कई प्रमुख कारक हैं। इसमें बड़ा कारण बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) की बढ़ी संख्या है। राज्य में कुल 77,895 BLOs घर-घर जाकर फॉर्म वितरित कर रहे हैं। हाल में 20,603 नए BLOs की नियुक्ति से गति बढ़ी है। तीन दौरों में से पहला दौरा पूरा, दूसरा जारी है।
वहीं जमीनी स्तर पर राजनीतिक दलों की सक्रियता भी इस मामले में प्रभावी दिख रही है। विभिन्न दलों ने 1,56,626 बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) नियुक्त किए हैं। इसके अलावा 4 लाख स्वयंसेवक (एनसीसी, एनएसएस, सरकारी कर्मचारी) भी इस कार्य में योगदान कर रहे हैं जो वृद्ध, दिव्यांगों और कमजोर वर्ग को विशेष सहायता दे रहे हैं।
क्या है पूरी प्रक्रिया?
गणना प्रपत्र (Enumeration Forms) वितरण
मतदाताओं द्वारा दस्तावेजों सहित फॉर्म जमा
ECINET पोर्टल पर डेटा अपलोड
चुनाव आयोग द्वारा अंतिम सत्यापन