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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (Voter List Revision) को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने रविवार को चुनाव आयोग (Election Commission) पर जमकर हमला बोला, यह कहते हुए कि अगर बिहार की मतदाता सूची से सिर्फ 1% नाम भी कटे तो 7 लाख 90 हजार मतदाता प्रभावित होंगे।
तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में चुनाव आयोग के आंकड़ों को चुनौती देते हुए एक रोचक गणित पेश किया। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 90 लाख है। इसमें 1% कटे तो प्रभावित मतदाताओं की संख्या 7.90 लाख होगी। इसमें प्रति विधानसभा 3,251 मतदाता प्रभावित होंगे। जबकि 2020 चुनाव में 35 सीटों पर जीत-हार का अंतर इतने ही वोटों से तय हुआ था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि एक बूथ पर अगर 10 नाम कटे तो पूरी विधानसभा में 3,200 मतदाता प्रभावित होंगे। यह अंतर बिहार के चुनावी नतीजों को बदल सकता है।
महागठबंधन की ओर से चुनाव आयोग पर कई आरोप लगाए गए हैं। इसमें फर्जीवाड़ा का आरोप लगा है। महागठबंधन का कहना है कि चुनाव आयोग द्वारा 74% फॉर्म जमा होने का दावा झूठा है। इसके अलावा पारदर्शिता की कमी का भी आरोप लगा है। आरोप है कि मतदाताओं को पावती रसीद नहीं दी जा रही है। साथ ही आधे-अधूरे फॉर्म अपलोड किए जा रहे हैं।