/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/13/tejashwi-yadav-voter-list-sir-2025-08-13-10-30-10.jpg)
पटना , वाईबीएन डेस्क । बिहार की राजनीति में एक बार फिर वोटर लिस्ट को लेकर तूफान खड़ा हो गया है। राजद के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है। उन्होंने मुजफ्फरपुर की मेयर और भाजपा नेता निर्मला देवी और उनके दो देवरों के नाम मतदाता सूची में दो-दो बार दर्ज होने का दावा किया।
मुजफ्फरपुर के मेयर के दो-दो ईपिक कार्ड!
तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सामने सबूत पेश करते हुए बताया कि निर्मला देवी के दो अलग-अलग ई-रिकॉर्डिंग पहचान पत्र (ईपिक) नंबर मौजूद हैं, जिनमें उनकी उम्र भी अलग-अलग दर्ज है। एक ईपिक कार्ड में उनकी उम्र 48 साल बताई गई है, जबकि दूसरे में 45 साल। इसी तरह, उनके देवरों दिलीप कुमार और मनोज कुमार के भी दो-दो ईपिक नंबर मिले हैं।
इसके अलावा, तेजस्वी ने गुजरात भाजपा के प्रभारी भीखूभाई पटना में वोटर बनने का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि भीखूभाई ने गुजरात में अपना नाम कटवा लिया, लेकिन बिहार में वोटर बन गए हैं। उनका आरोप है कि भाजपा नेता राज्यों के बीच मतदाता सूची का दुरुपयोग कर रहे हैं और चुनाव आयोग इसमें सहयोग कर रहा है।
तेजस्वी यादव ने कड़े शब्दों में कहा कि भाजपा पहले सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करती थी, लेकिन अब चुनाव आयोग को ही अपने पक्ष में कर लिया गया है। उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि महज 12 हजार वोटों के अंतर से राजद 10 सीटें हार गई थी, जो वोट चोरी का नतीजा था।
तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का भी संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि 17 अगस्त से राहुल गांधी के साथ वोट अधिकार यात्रा पर जाएंगे और इस दौरान चुनाव में भाग लेने या न लेने का फैसला करेंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि जब चुनाव आयोग पहले से ही परिणाम तय कर चुका है, तो क्या बहिष्कार का विकल्प नहीं सोचना चाहिए?