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बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, लेकिन अभी भी 32 लाख 23 हजार मतदाताओं का सत्यापन बाकी है। चुनाव आयोग के अनुसार, 6 दिनों के भीतर इन सभी वोटर्स से गणना फॉर्म लेना अनिवार्य है। अगर यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तो इन नामों को मतदाता सूची से हटाया जा सकता है।
95% वोटर्स का सत्यापन पूरा, लेकिन 10% अनुपस्थित
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 7.57 करोड़ (95.92%) मतदाताओं का सत्यापन हो चुका है। हालांकि, इनमें से 10% वोटर्स अपने पंजीकृत पते पर उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे मतदाताओं में मृतक, स्थायी रूप से स्थानांतरित, या डुप्लीकेट नाम शामिल हो सकते हैं।
BLOs फिर से करेंगे संपर्क
शेष बचे 32 लाख मतदाताओं को सूची में शामिल करने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को विशेष निर्देश दिए गए हैं। ये अधिकारी तीन बार से अधिक संपर्क कर चुके हैं, लेकिन फिर भी एक और अंतिम दौर किया जाएगा। इसके अलावा, 261 नगर निकायों के 5,683 वार्डों में विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि शहरी क्षेत्रों के वोटर्स भी अपना नाम जोड़ सकें।
1 अगस्त के बाद भी मिलेगा मौका
1 अगस्त 2024 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद भी अगर किसी का नाम छूट गया है या गलती से जुड़ गया है, तो 30 अगस्त तक आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। कोई भी मतदाता, राजनीतिक दल या उनके प्रतिनिधि दावे-आपत्ति दाखिल कर सकते हैं।
पटना में 6 लाख वोटर्स का सत्यापन शेष
पटना जिले में अभी 6 लाख मतदाताओं का सत्यापन होना बाकी है, जबकि 44 लाख से अधिक का काम पहले ही पूरा हो चुका है। शनिवार को 4,000 मतदान केंद्रों पर शिविर लगाकर 1 लाख से ज्यादा वोटर्स का सत्यापन किया गया। दीघा विधानसभा में सबसे अधिक (1 लाख) वोटर्स का सत्यापन शेष है, जबकि बाढ़ विधानसभा में सबसे कम।
टॉप और लो प्रदर्शन करने वाले जिले
मतदाता सत्यापन में सर्वश्रेष्ठ जिले लखीसराय (91.03%), जहानाबाद (91.13%), अरवल (91.33%), कैमूर (91.46%) हैं। जबकि सबसे कम सत्यापन गोपालगंज में हुआ है, जहां 82.12% फॉर्म अपलोड हुए हैं।