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बिहार में मानसून की सक्रियता अभी भी खत्म नहीं हुई है। सितंबर के आखिरी दिनों में भी आसमान से राहत नहीं मिल रही। मौसम विभाग ने शुक्रवार 19 सितंबर को राज्य के 32 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक कई हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होगी, जबकि सीमांचल और उत्तर बिहार के कुछ जिलों में भारी बारिश की आशंका है। इसके साथ तेज हवाओं और वज्रपात का खतरा भी बना हुआ है।
मौसम विभाग ने साफ किया है कि आने वाले दो से चार दिनों तक यही स्थिति बनी रह सकती है। किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, कटिहार और मधेपुरा समेत उत्तर बिहार और सीमांचल में बारिश का असर सबसे ज्यादा होगा। वहीं पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और सीवान जैसे जिलों में भारी वर्षा से जनजीवन प्रभावित हो सकता है। दरभंगा, सहरसा, समस्तीपुर, वैशाली, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, बांका और जमुई जैसे जिलों में भी लगातार बारिश की संभावना जताई गई है।
पटना और गया जैसे दक्षिण बिहार के शहरों में बारिश हल्की रहेगी लेकिन उमस से राहत मिलने की संभावना है। तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी। अधिकतम तापमान जहां 31 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, वहीं न्यूनतम तापमान 24 से 25 डिग्री तक गिर सकता है।
हालांकि इस बारिश का असर दोहरा है। एक तरफ किसानों के लिए यह बरसात फायदेमंद है क्योंकि धान और मक्का जैसी फसलों को सीधा लाभ मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ की आशंका फिर बढ़ गई है। बिहार का बड़ा इलाका पहले से ही जलजमाव और नदी के उफान की समस्या झेल रहा है। गांवों में लोग जैसे-तैसे जिंदगी गुजार रहे हैं और लगातार बारिश ने उनके संकट को और गहरा कर दिया है।
मौसम विभाग ने आम लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। गरज-चमक के दौरान खुले मैदान या पेड़ों के नीचे खड़ा होना खतरनाक हो सकता है। बिजली गिरने की घटनाओं को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है।
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