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बिहार में मानसून जाने से पहले एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 23 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में अगले 48 घंटों के भीतर तेज बारिश के साथ तेज हवा चल सकती है। वहीं, रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज होने की संभावना है। अक्टूबर के बाद से राज्य में मौसम सामान्य होने की उम्मीद जताई गई है, लेकिन फिलहाल बारिश और बाढ़ का दोहरा खतरा बना हुआ है।
नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश का असर अब बिहार के उत्तरी जिलों पर दिखने लगा है। कोसी, कमला बलान, बागमती और उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं। सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और दरभंगा जैसे जिले बाढ़ की चपेट में आते दिख रहे हैं। सुपौल जिले के छह प्रखंडों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। प्रशासन के अनुसार, अब तक लगभग 5,000 घर प्रभावित हो चुके हैं और लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
मधुबनी में स्थिति और गंभीर है। यहां एक लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण स्थिति को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
नेपाल से निकलने वाली सरिसवा नदी में आई बाढ़ ने रक्सौल और उसके आसपास के इलाकों में तबाही मचा दी है। पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है और बाढ़ का पानी निचले इलाकों रामगढ़वा, सुगौली, सेमरा और मोतिहारी तक फैल गया है। इन इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया है और लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई स्थानों पर बिजली व्यवस्था ठप पड़ी है और संचार नेटवर्क भी प्रभावित हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी पूरी तरह से वापस नहीं गया है। नेपाल और उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाकों में नमी और वायु दाब में बदलाव के कारण अगले दो दिनों तक बारिश की स्थिति बनी रह सकती है।
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