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बिहार में फिर सक्रिय हुआ मानसून: 31 जिलों में येलो अलर्ट, कई इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा

बिहार में मानसून फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने 31 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश, 40 किमी प्रतिघंटा की हवाएं और बिजली गिरने का खतरा है। जानें कब तक बरसेंगे बादल।

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YBN Bihar Desk
Bihar Barish (1)

बिहार में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुका है। शुक्रवार से शुरू हुई हल्की बारिश ने शनिवार को रफ्तार बढ़ा दी है। बक्सर और सीवान जैसे जिलों में सुबह से ही बूंदाबांदी हो रही है, जबकि पटना में घने बादल छाए रहने से उमस कम हुई है। मौसम विभाग ने राज्य के 25 से 31 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। अलर्ट के अनुसार, इन जिलों में भारी बारिश के साथ 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और बिजली गिरने का खतरा भी बना हुआ है।

विशेषज्ञों के अनुसार यह मौसम बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया का असर है। यह सिस्टम अगले कुछ दिनों तक सक्रिय रहेगा और उत्तर से दक्षिण बिहार तक बारिश कराता रहेगा। पिछले 24 घंटों में पटना, सुपौल, नालंदा, मोतिहारी, छपरा और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में जमकर बारिश हुई है। राजधानी पटना में शुक्रवार को दोपहर में ही अंधेरा छा गया था और आज भी मौसम वैज्ञानिकों ने मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई है। कई इलाकों में बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया है और ट्रैफिक पर असर दिख रहा है।

उत्तर बिहार के जिलों अररिया, किशनगंज और सुपौल में इसका असर सबसे ज्यादा दिख रहा है, जहां तेज हवाओं के साथ घने बादल छाए हुए हैं। वहीं, बक्सर और सीवान में हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। दक्षिण बिहार में बारिश छिटपुट हो सकती है, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि जलजमाव की स्थिति यहां भी कुछ स्थानों पर बढ़ सकती है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 20 से 22 सितंबर तक यह बारिश का दौर जारी रहेगा। इस दौरान पटना का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ सकता है और बारिश के कारण इसमें 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज होगी। न्यूनतम तापमान लगभग 26 डिग्री सेल्सियस रहेगा। मौसम विभाग ने लोगों को ऊंचे पेड़ों और खुले मैदानों से दूर रहने की सलाह दी है क्योंकि आंधी के साथ बिजली गिरने का खतरा बना हुआ है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी का लो प्रेशर अब और मजबूत हो रहा है। इसकी वजह से वायुमंडल में नमी बढ़ गई है और मानसून की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसका सबसे बड़ा असर कृषि और ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल सकता है। भारी बारिश से जहां धान की फसल को फायदा होगा, वहीं जलजमाव और तेज हवाओं के चलते नुकसान की आशंका भी बनी हुई है।

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