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पटना , वाईबीएन डेस्क ।बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (LJP-R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। सारण जिले में पार्टी के 139 पदाधिकारियों और नेताओं ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में पूर्व जिला अध्यक्ष, प्रदेश सचिव और कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। इसके साथ ही, पार्टी के जमुई सांसद अरुण भारती और खगड़िया सांसद राजेश वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
इस्तीफा देने वाले नेताओं ने आरोप लगाया है कि अरुण भारती और राजेश वर्मा पार्टी में मनमानी कर रहे हैं। पूर्व प्रदेश सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि अरुण भारती पार्टी को एक "कॉर्पोरेट कंपनी" की तरह चला रहे हैं और संकल्प यात्रा के नाम पर सारण जिले से अवैध वसूली की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं को अपमानित किया गया।
इस्तीफा देने वाले नेताओं में पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव, प्रदेश महासचिव रतन पासवान और युवा जिलाध्यक्ष सुजीत पासवान जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। शिवराज यादव ने बताया कि सारण जिले के सभी सात प्रखंड अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दिया है और इस संबंध में एक खुला पत्र भी जारी किया गया था। उन्होंने खगड़िया सांसद राजेश वर्मा की कार्यशैली को नाराजगी की मुख्य वजह बताया।
क्या अब NDA से भी अलग होंगे नेता?
हालांकि, दीपक कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने के बाद भी वे और अन्य नेता NDA गठबंधन में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक बैठक करके अपने अगले राजनीतिक कदम का ऐलान किया जाएगा। यह घटना तब सामने आई है जब पिछले महीने खगड़िया जिले में भी पार्टी के 38 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दिया था।
चिराग पासवान के लिए चुनौती
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक होने के साथ ही यह घटना चिराग पासवान के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। पार्टी के भीतर विद्रोह और नेताओं का सामूहिक इस्तीफा उनकी राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर सकता है। अब देखना होगा कि चिराग पासवान इस संकट से कैसे निपटते हैं और क्या NDA गठबंधन में उनकी पार्टी की स्थिति मजबूत रह पाएगी।