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पटना आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक की मेजबानी करने जा रहा है। 24 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलने वाली इस बैठक को लेकर राजधानी पटना में सियासी हलचल तेज है। बैठक में शामिल होने के लिए राहुल गांधी दिल्ली से पटना रवाना हो चुके हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव केसी वेणुगोपाल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला, भूपेश बघेल, जीतू पटवारी और हरीश चौधरी जैसे बड़े नेता पटना पहुंच चुके हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो रही यह बैठक कांग्रेस के लिए रणनीतिक मोर्चे की तरह है। पार्टी इसे अपने पुनरुत्थान और राज्य में सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराने के मौके के तौर पर देख रही है। तेलंगाना चुनाव से पहले कांग्रेस ने वहां भी इसी तरह CWC की बैठक की थी, जिसके बाद राज्य में पार्टी की सरकार बनी। यही वजह है कि पटना में हो रही इस बैठक को भी बिहार की राजनीति में गेम चेंजर माना जा रहा है।
कांग्रेस इस बैठक से एक तीर से कई निशाने साधना चाहती है। पहला, पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर यह संदेश देना कि कांग्रेस अब बिहार की राजनीति में केवल सहायक दल नहीं बल्कि एक सक्रिय और निर्णायक ताकत बनना चाहती है। दूसरा, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में अपनी साख और महत्व को मजबूत करना। और तीसरा, 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता को यह भरोसा दिलाना कि कांग्रेस सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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