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क्रिप्टो के नाम पर करोड़ों की ठगी: दरभंगा से पटना तक फैला फरेब का जाल, मास्टरमाइंड नितेश झा गिरफ्तार

दरभंगा में 1.16 करोड़ की क्रिप्टो ठगी के आरोपी नितेश झा को साइबर थाना पुलिस ने पटना से पकड़ा; फर्जी कंपनी बनाकर 50+ लोगों से मोटा मुनाफा दिलाने के नाम पर ठगी की थी।

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YBN Bihar Desk
Crypto Thagi Cyber Crime
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बिहार के दरभंगा में एक बार फिरसाइबर ठगी का बड़ा मामलासामने आया है, जिसमें लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर भारी मुनाफे का लालच देकर1.16 करोड़ रुपये की ठगीकी गई। दो साल से फरार चल रहे इस ठगी के मास्टरमाइंडनितेश कुमार झाको आखिरकार दरभंगा साइबर थाना पुलिस नेपटना के कंकड़बाग इलाके से गिरफ्तारकर लिया।

फर्जी कंपनी से भरोसा और फिर धोखा

नितेश झा और उसके साथी अजय कुमार राय ने मिलकरWEFALC (वेलफेयर)नाम से एक नकली कंपनी बनाई। इस कंपनी का दावा था कि अगर कोई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करता है, तो उसे24 घंटे में पैसा दोगुना और सात महीने में चार गुनाकरके वापस मिलेगा। इस तरह के दावों से प्रभावित होकर दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और पटना समेत कई जिलों के50 से ज्यादा लोग इनके जाल में फंस गए।

शिकायत के बाद खुला मामला, एक-एक करके खुलने लगे राज

यह मामला तब उजागर हुआ जब दरभंगा केविवेकानंद झाने दिसंबर 2023 में साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद IPC की कई धाराओं और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ औरजांच की दिशा तय हो गई।

CBI की तर्ज पर काम कर रहीदरभंगा साइबर थाना की टीमने पहले आरोपी अजय कुमार राय को बेगूसराय से गिरफ्तार किया था, लेकिन मुख्य आरोपी नितेश झा लगातारलोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा देता रहा।

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1 मई 2025 कोपटना के कंकड़बागमें पुलिस टीम ने नितेश को धर दबोचा। पूछताछ जारी है और पुलिस का मानना है कि इस ठगी मेंकई और नामसामने आ सकते हैं, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञ, बैंकिंग चैनल से जुड़े लोग या स्थानीय एजेंट भी हो सकते हैं।

पीड़ितों की दर्दभरी दास्तान

पीड़ितों की संख्या 50 से अधिक है। कुछ उदाहरण:

  • पप्पू बैठा (दरभंगा) – ₹5 लाख
  • अशोक साह (ओझौल) – ₹35 लाख
  • शंकर राय (जयनगर) – ₹24 लाख
  • पंकज साह – ₹23 लाख
  • संतोष कुमार महासेठ – ₹8 लाख

इन सभी को झूठे निवेश प्लान, फर्जी वेबसाइट्स और नकली दस्तावेजों के ज़रिए भरोसे में लिया गया।

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साइबर डीएसपी राहुल कुमार ने लोगों से अपील की है किक्रिप्टो या किसी भी उच्च लाभ वाले स्कीम में निवेश से पहले उसके वैध दस्तावेज, लाइसेंस और बैकग्राउंड की जांच ज़रूर करें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं, क्योंकि ठगी का यह नेटवर्ककई राज्यों तक फैला हुआहै।

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