बिहार में युवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने तकनीकी शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 'स्टार्टअप सेल' स्थापित करने का निर्देश दिया है। इस पहल के तहत हर कॉलेज को 10 लाख रुपये का शुरुआती फंड (सीड फंड) दिया जाएगा, ताकि छात्र अपने इनोवेटिव आइडिया को स्टार्टअप के रूप में विकसित कर सकें।
सरकार का मानना है कि तकनीकी शिक्षा सिर्फ डिग्री तक सीमित न रहकर रोजगार सृजन और नवाचार की राह खोले, इसके लिए छात्रों को शुरुआती संसाधन, मार्गदर्शन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराना जरूरी है। स्टार्टअप सेल के ज़रिए छात्रों को:
- स्टार्टअप से जुड़े स्किल्स सिखाए जाएंगे
- विशेषज्ञों और उद्यमियों से नेटवर्किंग कराई जाएगी
- नवाचार को प्रोजेक्ट के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा
सरकार का फोकस अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित स्टार्टअप्स को प्राथमिकता देना है। जैसे:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
- मशीन लर्निंग (ML)
- ब्लॉकचेन
- डेटा साइंस
- ड्रोन और UAV
- AR/VR और रोबोटिक्स
- रिन्यूएबल एनर्जी
- क्लाउड कंप्यूटिंग
यह कदम बिहार को भविष्य की तकनीकों के केंद्र के रूप में उभरने का अवसर देगा।
राज्य के युवाओं को मिलेगा नया प्लेटफॉर्म
इस योजना के ज़रिए बिहार के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के छात्र उद्यमिता को करियर विकल्प के रूप में देखने लगेंगे, जिससे राज्य से बाहर पलायन करने की प्रवृत्ति भी कम होगी।
इसके साथ ही, आस-पास के अन्य शैक्षणिक संस्थानों और शिक्षक समुदाय को भी इसमें शामिल कर एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने की योजना है।