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इतिहास रचेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: गयाजी में पहली बार राष्ट्रपति पद पर रहते हुए करेंगी पिंडदान और तर्पण

गयाजी में पितृपक्ष मेले के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पिंडदान और तर्पण करेंगी। विष्णुपद मंदिर और फल्गु तट पर होगा विशेष अनुष्ठान। जानें ऐतिहासिक महत्व।

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YBN Bihar Desk
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू Photograph: (Google)

बिहार के पावन गयाजी में चल रहे विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले के बीच आज का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज विष्णुपद मंदिर और फल्गु तट पर पिंडदान और तर्पण का विशेष कर्मकांड करेंगी। यह पहला अवसर होगा जब कोई भी राष्ट्रपति पद पर रहते हुए अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गयाजी में श्राद्ध-कर्म संपन्न करेगा।

गयाजी को मोक्षधाम माना जाता है और यहां हर साल पितृपक्ष मेला आयोजित होता है, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अपने पितरों का तर्पण और पिंडदान करने पहुंचते हैं। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर विष्णुपद मंदिर और पूरे गया शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है और प्रशासन ने राष्ट्रपति के दौरे को लेकर पूरी तैयारी कर ली है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पैतृक गांव ओडिशा के मयूरगंज जिले के ऊपर बेड़ा गांव में है। उनके पितरों का बही खाता गयापाल पंडा राजेश लाल कटरियार के पास सुरक्षित है। वही आज महामहिम का श्राद्ध-कर्म कराएंगे। कटरियार ने बताया कि राष्ट्रपति अपने पितरों के लिए विष्णुपद, फल्गु और अक्षयवट पर पिंडदान और तर्पण करेंगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद पर रहते हुए द्रौपदी मुर्मू का यह कदम ऐतिहासिक है और इससे गयाजी की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता और भी बढ़ जाएगी।

गयाजी के इतिहास में इससे पहले राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह राष्ट्रपति पद पर रहते हुए यहां आए थे, लेकिन उन्होंने केवल दर्शन किए थे, पिंडदान नहीं। वहीं, उपराष्ट्रपति के तौर पर आर. वेंकटरमन ने यहां आकर पिंडदान किया था। मगर राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पहली बार द्रौपदी मुर्मू पितृपक्ष मेले में शामिल होकर यह अनुष्ठान करेंगी।

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आज गया श्राद्ध का 14वां दिन भी है, जो धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन वैतरणी सरोवर पर तर्पण और गोदान का विशेष विधान है। मान्यता है कि इस दिन स्नान और तर्पण से पिंडदानी के 21 कुलों का उद्धार होता है। ऐसे पावन अवसर पर राष्ट्रपति का गयाजी आना पूरे बिहार और देश के लिए गौरव की बात है।

President Droupadi Murmu droupadi murmu
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