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बिहार की आधी से ज्यादा लड़कियां दुबलेपन से जूझ रहीं अवसाद और आत्मग्लानि में

NCPCR के अध्ययन में सामने आया कि बिहार की 55% किशोरियां दुबलेपन के कारण मानसिक तनाव से जूझ रही हैं। इस वजह से उनकी पढ़ाई, सामाजिक जीवन और आत्मविश्वास पर बुरा असर पड़ रहा है।

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YBN Bihar Desk
Underweight teenage girls mental stress Bihar study
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"दुबली है, खा क्यों नहीं लेती?" — यह एक वाक्य नहीं, बल्कि हजारों किशोरियों की आत्मा पर लगे अनगिनत सवालों का बोझ है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के एक हालिया अध्ययन ने बिहार की किशोरियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति को लेकर गंभीर तस्वीर पेश की है।

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अध्ययन में शामिल 6.5 लाख से ज्यादा लड़कियों में से लगभग 55% लड़कियां गंभीर दुबलेपन (underweight) और उससे उपजे मानसिक तनाव का शिकार पाई गईं। वे न केवल आत्मग्लानि और body shaming से जूझ रही हैं, बल्कि इसका सीधा असर उनकी पढ़ाई, करियर और सामाजिक संबंधों पर भी हो रहा है।

शारीरिक से ज्यादा मानसिक असर

  • दुबली लड़कियों में आत्मविश्वास की कमी, अंतर्मुखी स्वभाव और सामाजिक भागीदारी में कमी देखी गई।
  • लगभग 50,000 लड़कियों ने बताया कि वे तनाव से बाहर निकलने के लिए काउंसलिंग और डाइट चार्ट की मदद ले रही हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, 3.2 लाख लड़कियों में यह भ्रम था कि "कम खाना = जीरो फिगर = सुंदरता", जो गंभीर मानसिक असर डाल रहा है।
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ओवरवेट लड़कियों की स्थिति अलग

रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि जो लड़कियां शारीरिक रूप से थोड़ी भारी थीं, वे ज्यादा आत्मनिर्भर, संतुलित खानपान वाली और करियर को लेकर केंद्रित थीं। वे आत्मविश्वास के साथ समाज में अपना स्थान बना रही हैं।

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लड़कियों ने बताया: दुबलेपन से जुड़ी 3 प्रमुख समस्याएं

  1. Body Shamingलोग बार-बार टोका करते हैं, "इतनी दुबली क्यों हो?", "कुछ खाती नहीं क्या?"
  2. परिवार का दबावशादी की चिंता और रिश्तेदारों की निगाहें
  3. स्वास्थ्य का डरअंदर ही अंदर गंभीर बीमारी होने का संदेह
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