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पटना के मशहूर उद्योगपति और कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में एसआईटी की जांच तेज हो गई है। पुलिस ने अब तक 14 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर 8 संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जबकि 15 अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि, हत्यारे शूटर और मास्टरमाइंड का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई, पर हत्यारा अभी फरार
गोपाल खेमका की गांधी मैदान के पास अपने आवास के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस का मानना है कि हत्यारे को लाइनर के जरिए खेमका के आने की जानकारी मिली थी। इसी संदर्भ में बांकीपुर क्लब से कटारुका निवास तक के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
रेंज आईजी जितेंद्र राणा ने मीडिया को बताया कि बेऊर जेल से जुड़े कुछ संदिग्ध नंबर और दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनकी जांच चल रही है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और जल्द ही गिरफ्तारी होगी।
हत्या के पीछे जमीन विवाद या कारोबारी दुश्मनी?
पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड के पीछे जमीन विवाद या कारोबारी रंजिश हो सकती है। गोपाल खेमका एक प्रभावशाली उद्योगपति थे, जिसके चलते उनके खिलाफ कई लोगों की शिकायतें भी थीं। पुलिस इन सभी कोणों से जांच कर रही है।
गोपाल खेमका का अंतिम संस्कार संपन्न
विदेश से उनकी बेटी गरिमा खेमका के आने के बाद रविवार को गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। पटना के कारोबारी समुदाय और अन्य गणमान्य लोगों ने उन्हें भावपूर्ण विदाई दी।
अब सभी की नजरें पुलिस की जांच पर टिकी हैं, क्योंकि हत्यारे का पता नहीं चलने से सवाल बढ़ रहे हैं। क्या पुलिस जल्द ही मास्टरमाइंड तक पहुंच पाएगी? पूरा मामला अभी रहस्य बना हुआ है।