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पटना के मशहूर बिजनेसमैन गोपाल खेमका की हत्या के मामले में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। जिस दिन पटना में गोपाल खेमका का श्राद्ध कर्म होगा, ठीक उसी दिन वैशाली कोर्ट में उनके बड़े बेटे गुंजन खेमका की हत्या केस की सुनवाई होनी है। यह संयोग इतना डरावना है कि परिवार और जांच एजेंसियों के लिए यह एक गहरी साजिश का संकेत देता है।
गुंजन खेमका हत्याकांड: 3 साल बाद मिली कोर्ट डेट
गोपाल खेमका ने 2018 में अपने बेटे गुंजन की हत्या के बाद वैशाली कोर्ट में केस दर्ज कराया था। इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद पहली सुनवाई 2022 में हुई थी, लेकिन तीन साल के इंतजार के बाद अब 15 जुलाई को दूसरी सुनवाई होनी है। दिलचस्प बात यह है कि यही वह तारीख है जब गोपाल खेमका का श्राद्ध कर्म होगा।
DGP विनय कुमार ने बताया कि गुंजन के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। इनमें से एक आरोपी मस्तु सिंह की जेल से रिहाई के बाद हत्या कर दी गई थी। अब बाकी आरोपियों का ट्रायल होना है। DGP ने यह भी कहा कि गोपाल खेमका की हत्या में गुंजन के केस के आरोपियों की संभावित भूमिका भी जांच के दायरे में है।
जमीन विवाद, 4 लाख की सुपारी और डेढ़ महीने की रेकी
पुलिस ने गोपाल खेमका हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि कारोबारी अशोक साह ने जमीन के एक विवाद के चलते गोपाल की हत्या की साजिश रची थी। उसने शूटर उमेश यादव को 4 लाख रुपये की सुपारी दी और गोपाल के बारे में पूरी जानकारी दी।
5 जुलाई की रात 11:38 बजे, उमेश ने गांधी मैदान थाना के पास गोपाल के अपार्टमेंट के गेट पर ही उन्हें 9mm पिस्टल से गोली मार दी। पुलिस ने CCTV फुटेज और मोबाइल सर्विलांस की मदद से इस मामले को सुलझाया है।