बिहार के वरिष्ठ IAS अधिकारी संजीव हंस (Sanjeev Hans) की कानूनी मुश्किलें अब गंभीर मोड़ पर पहुंच चुकी हैं। पहले ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल की सलाखों के पीछे मौजूद हंस पर अब मनी लॉन्ड्रिंग का नया केस दर्ज हुआ है। स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है।
ED की जांच से निकला नया मोड़
ED ने संजीव हंस की संपत्तियों और बैंक लेनदेन की गहराई से जांच की थी, जिसमें एक व्यक्ति रिशु रंजन सिन्हा उर्फ रिशु श्री का नाम सामने आया। रिशु श्री को संजीव हंस का करीबी बताया जा रहा है, जो कथित रूप से अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच एक मध्यस्थ के रूप में काम करता था। लेनदेन की इस कड़ी में कई संदिग्ध कंपनियों के नाम भी सामने आए हैं, जो रिशु श्री के ज़रिए ऑपरेट होती थीं।
SVU की तफ्तीश और नया केस
ED द्वारा गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर जब महाधिवक्ता कार्यालय से विधिक राय ली गई, तब SVU ने इसे आपराधिक मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मानते हुए एफआईआर दर्ज कर दी। इस मामले में अब संजीव हंस और रिशु श्री दोनों आरोपी हैं। रिशु श्री की पकड़ कितनी गहरी थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके संपर्क एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों से थे, जिनमें से अधिकतर निर्माण विभाग से जुड़े थे।