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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच अब सीट बंटवारे की राजनीति ने गरमाहट पैदा कर दी है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एनडीए गठबंधन से साफ शब्दों में कहा है कि उनकी पार्टी को मान्यता दिलाने के लिए कम से कम 20 सीटें मिलनी चाहिए। मांझी का बयान न केवल एनडीए के भीतर समीकरणों को प्रभावित कर रहा है बल्कि गठबंधन की मजबूती पर भी सवाल खड़ा कर रहा है।
सीट बंटवारे में न्याय करे एनडीए : जीतन राम मांझी
मांझी ने कहा कि यह सिर्फ उनकी व्यक्तिगत इच्छा नहीं है, बल्कि आम कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भी मांग है। उन्होंने कहा कि अगर एनडीए गठबंधन के नेताओं के मन में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के लिए सहानुभूति और सम्मान है तो उन्हें सीट बंटवारे में न्याय करना चाहिए।
जीतन राम मांझी का यह बयान दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है। बिहार में महागठबंधन और एनडीए दोनों ही दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। ऐसे में मांझी की इस मांग ने बीजेपी और जदयू के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं क्योंकि गठबंधन के भीतर पहले से ही छोटे दल अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
पिछले चुनावों में मांझी की पार्टी को सीमित सीटें ही मिली थीं, लेकिन इस बार वह खुद को मजबूत स्थिति में दिखाना चाहते हैं। उनका तर्क है कि बिहार में राजनीतिक संतुलन बनाने और दलित-पिछड़े वर्ग के वोटों को आकर्षित करने में उनकी पार्टी अहम भूमिका निभा सकती है। यही वजह है कि वह एनडीए से अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं।
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