लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) शुक्रवार को बिहार में थे। राहुल गांधी की कोशिश थी कि वे कांग्रेस को बिहार में मजबूत बनाएं। राहुल की यह कोशिश पिछले कई महीनों से चल रही है। पिछले पांच माह में राहुल गांधी छठी बार बिहार के दौरे पर हैं। इस बार के राहुल गांधी के दौरे में जीतन राम मांझी को चुभन अधिक हुई है। क्योंकि राहुल गांधी के दौरे का पहला फेज जीतन राम मांझी के संसदीय क्षेत्र गया में रहा। साथ ही राहुल ने मुलाकात भी जीतन राम मांझी की जाति के ही दशरथ मांझी के परिवार से भी मुलाकात की। इसके बाद जीतन राम मांझी ने राहुल के इस दौरे को लेकिन अलग तरह की बात ही उठाई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह दौरान लालू राज में हुआ होता, तो वे किडनैप हो गए होते और उन्हें छुड़ाने की डील के लिए सोनिया गांधी को लालू यादव से बात करनी होती।
दरअसल, एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख जीतनराम मांझी ने एक विवादित बयान में दावा किया है कि "यदि राहुल गांधी लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में इस तरह बार-बार बिहार आते तो उनका अपहरण हो सकता था।" उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में सोनिया गांधी को मुख्यमंत्री निवास में "डील" करनी पड़ती।
"पुराने बिहार में Rahul Gandhi की सुरक्षा खतरे में थी"
मांझी ने ट्वीट कर लिखा कि *"मोदी-नीतीश की सुशासन सरकार में राहुल जी का स्वागत है। यह वह बिहार नहीं जो लालू और गांधी परिवार ने 20 साल पहले छोड़ा था। आज कोई भी बेखौफ घूम सकता है।"*
उन्होंने RJD शासनकाल को "जंगलराज" बताते हुए कहा कि "लालू जी के समय में राहुल के अपहरण की आशंका थी। सोनिया जी को अपहर्ताओं से डील करनी पड़ती।"
राहुल गांधी का बिहार दौरा
जीतन राम मांझी का यह बयान ऐसे समय आया है जब राहुल गांधी राजगीर में OBC सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बिहार सरकार पर "क्राइम कैपिटल" बनाने का आरोप लगाया था।