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महागठबंधन में सीटों का संग्राम: कांग्रेस की 10 सीटों पर जिद, CPI-ML ने तेजस्वी का प्रस्ताव ठुकराया, क्या टूट की कगार पर है गठबंधन?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस ने 10 और सीटों की मांग की है, जबकि CPI-ML ने तेजस्वी यादव का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। क्या फूट की कगार पर है गठबंधन? पढ़िए पूरी खबर।

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YBN Bihar Desk
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखें तय हो चुकी हैं, लेकिन महागठबंधन (I.N.D.I. Alliance) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। चुनावी रणनीति बनाने से पहले ही गठबंधन के प्रमुख घटक दलों के बीच खींचतान खुलकर सामने आ गई है। सबसे बड़ी चुनौती अब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के बीच तालमेल की बनती-बिगड़ती तस्वीर है।

सूत्रों के अनुसार, सोमवार रात हुई बैठक में राजद ने कांग्रेस को करीब 54 सीटों का प्रस्ताव दिया, लेकिन कांग्रेस ने 10 और सीटों की मांग रखकर माहौल गर्मा दिया। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि पार्टी का जनाधार अब कई सीटों पर मजबूत हुआ है, ऐसे में उसे पिछली बार से अधिक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। हालांकि राजद के भीतर इस मांग को लेकर असहमति है, क्योंकि पार्टी खुद करीब 140 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

इधर, महागठबंधन के अंदरूनी समीकरणों को और मुश्किल बना दिया है वाम दलों ने। भाकपा-माले (CPI-ML) ने राजद के 19 सीटों वाले प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी ने 30 सीटों की मांग रखते हुए साफ कहा है कि पिछली विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में उसका प्रदर्शन गठबंधन के अन्य दलों से बेहतर रहा था। माले की यह दलील तेजस्वी यादव के लिए सिरदर्द बन गई है, क्योंकि राजद का रुख फिलहाल वाम दलों को 10 से ज्यादा सीटें देने का नहीं है।

तेजस्वी यादव ने मंगलवार को अपने आवास पर लेफ्ट पार्टियों और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेताओं के साथ बैठक की। इस मुलाकात में सीट बंटवारे पर सहमति की कोशिश की गई, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मतभेद पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की मांगों ने भी गठबंधन को नई दुविधा में डाल दिया है।

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VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने जहां उपमुख्यमंत्री पद के साथ 20 से अधिक सीटों की मांग की है, वहीं राजद उन्हें केवल 12 सीटें देने के पक्ष में है। अगर सहनी की मांग पूरी नहीं हुई, तो वे स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, JMM, RLJP (पशुपति पारस गुट) और IP गुप्ता की इन्क्लूसिव पार्टी को भी RJD और कांग्रेस अपने हिस्से से सीटें समायोजित करने को कह चुके हैं।

गठबंधन के भीतर अब यह भी सवाल उठने लगा है कि अगर सीट बंटवारे पर जल्द सहमति नहीं बनती, तो क्या सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ "मित्रवत मुकाबले" (friendly contests) में उतरेंगे? हालांकि, राजद के रणनीतिकारों का मानना है कि दो दिनों के भीतर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा और समझौते के साथ तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जा सकता है।

संभावित सीट बंटवारे का एक फॉर्मूला सामने आया है, जिसमें राजद के साथ झामुमो और रालोजपा को मिलाकर 135 सीटें, कांग्रेस और आईआईपी के लिए 58 सीटें, भाकपा-माले को 25 सीटें, भाकपा को 6, माकपा को 4 और वीआईपी को 15 सीटें देने का प्रस्ताव शामिल है। 

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